
इस साल Navaratri 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का होता है और वर्ष में 2 बार आता है। चलिए जानते हैं इन नवरात्रों के बारे में संपूर्ण जानकारी कैसे करें इस दिन पूजा और क्या है इनका हिंदू धर्म में महत्व।
Navaratri का महत्व
नवरात्रि शक्ति उपासना का पर्व है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माँ दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध करने के लिए नौ दिनों तक युद्ध किया था और दसवें दिन विजय प्राप्त की थी, जिसे दशहरा के रूप में मनाया जाता है।संस्कृत में “नव” का अर्थ होता है नौ और “रात्रि” का अर्थ होता है रात, अर्थात् नवरात्रि का अर्थ है नौ रात्रियाँ। इन नौ रातों में शक्ति की देवी माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है।
Navaratri के प्रकार
Navaratri साल में दो बार आती है।
शारदीय नवरात्रि- यह नवरात्रि सितंबर से अक्टूबर के बीच में मनाई जाती हैं.
चैत्र नवरात्रि- यह नवरात्रि वसंत ऋतु में चैत्र मास मार्च और अप्रैल में आती है. से वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है.
Navaratri में पूजे जाने वाले नौ देवी रूप
- पहला दिन – माँ शैलपुत्री- कहां जाता है मां शैली पुत्री की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
- दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी- इनकी पूजा से तप, त्याग और संयम की शक्ति मिलती है।
- तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा- इन्हें युद्ध की देवी माना जाता है और इनका स्वरूप सिंह पर सवार होता है। कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से साहस और शक्ति मिलती है।
- चौथा दिन – माँ कूष्मांडा- उनकी कृपा से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
- पाँचवा दिन – माँ स्कंदमाता- कहां जाता है इनकी उपासना से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
- छठा दिन – माँ कात्यायनी- इन माता की पूजा करने से विवाह और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
- सातवां दिन – माँ कालरात्रि- कल्यात्री माता की पूजा करने से नाकर्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
- आठवां दिन – माँ महागौरी- मां महागौरी को शांति की देवी माना जाता है इनकी पूजा से जीवन में शांति बनी रहती है.
- नवां दिन – माँ सिद्धिदात्री- उनकी कृपा से भक्तों को सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
Navaratri व्रत नियम
व्रतधारी को नौ दिनों तक सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
प्रतिदिन माता की पूजा और आरती करनी चाहिए।
और बुरे लोग और बुरे विचारों से दूर रहना चाहिए।
पूजा विधि
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- मिट्टी के पात्र में जौ बोएँ।
- एक कलश में जल भरकर उस पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
- माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
- दीप जलाकर माँ दुर्गा का आह्वान करें।
दुर्गा सप्तशती पाठ
Navaratri में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।इससे सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं।
- नवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान और भोग
- पहले दिन घी का दीपक जलाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
- दूसरे दिन चीनी का भोग लगाने से दीर्घायु प्राप्त होती है।
- तीसरे दिन दूध का भोग लगाने से दुख दूर होते हैं।
- चौथे दिन मावे का भोग लगाने से सुख-समृद्धि मिलती है।
- पाँचवे दिन केले का भोग लगाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- छठे दिन शहद का भोग लगाने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
- सातवें दिन गुड़ का भोग लगाने से सभी दुखों का नाश होता है।
- आठवें दिन नारियल का भोग लगाने से इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
- 1नवें दिन तिल का भोग लगाने से शत्रु बाधा दूर होती है।
यह भी पड़े :- Zind SDM News: SDM ने 200 रुपये देकर जबरन प्राइवेट पार्ट में कराई मसाज