
NEET UG 2025
NEET UG 2025 की परीक्षा इस साल भी कई छात्रों के लिए मुश्किलों से भरी रही, खासकर मध्य प्रदेश के इंदौर में। 4 मई को हुई इस राष्ट्रीय परीक्षा के दौरान भारी बारिश और तेज आंधी की वजह से इंदौर के कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो गई, जिससे हजारों छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई। कुछ छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी, तो कई बिना परीक्षा दिए ही वापस लौट गए।
अब 50 से ज्यादा छात्रों ने इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। छात्रों की मांग है कि या तो इन केंद्रों पर फिर से परीक्षा करवाई जाए या फिर उनके लिए किसी विशेष समाधान की व्यवस्था की जाए।
क्या है पूरा मामला?
NEET UG परीक्षा देश के मेडिकल, डेंटल, आयुष, और नर्सिंग कोर्सों में प्रवेश का सबसे अहम रास्ता है। इस साल करीब 21 लाख छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया। इंदौर में लगभग 27,000 छात्र 49 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन तेज आंधी-तूफान और बारिश ने व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया।
11 से 24 केंद्रों पर बिजली चली गई, और पर्याप्त बैकअप की व्यवस्था न होने के कारण कई छात्र पूरी परीक्षा नहीं दे पाए।
कोर्ट में अब तक क्या हुआ?
15 मई 2025: हाईकोर्ट ने शुरू में पूरे देश के NEET UG 2025 रिजल्ट पर रोक लगा दी थी, क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।
16 मई 2025: NTA ने तर्क दिया कि इंदौर की समस्या के चलते पूरे देश के परिणाम रोकना ठीक नहीं। कोर्ट ने इस पर सहमति जताई और इंदौर के 11 केंद्रों को छोड़कर बाकी सभी का रिजल्ट जारी करने की अनुमति दी।
22 मई 2025: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NTA की ओर से कोर्ट में सुझाव दिया कि इंदौर के प्रभावित छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी तय करेगी कि क्या दोबारा परीक्षा होनी चाहिए या कोई और उपाय निकाला जा सकता है। कोर्ट ने इस सुझाव पर विचार के लिए अगली सुनवाई की तारीख 26 मई 2025 तय की है।
छात्रों की आपबीती और मांग
करीब 600 से अधिक छात्र इस गड़बड़ी से प्रभावित हुए हैं। उनका कहना है कि यह उनकी जिंदगी और करियर से जुड़ा मसला है। छात्रों के वकील मृदुल भटनागर ने कोर्ट में तर्क दिया कि मौसम विभाग पहले ही खराब मौसम की चेतावनी दे चुका था, फिर भी बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्रों ने बैकअप का कोई इंतजाम नहीं किया।
छात्रों का कहना है कि यह संवैधानिक अधिकारों का हनन है। उनकी मांग है कि या तो उन केंद्रों पर दोबारा परीक्षा हो, या फिर उन्हें कोई वैकल्पिक न्याय मिले।
आगे क्या?
कोर्ट ने बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्रों से 30 जून 2025 तक जवाब मांगा है। 26 मई को होने वाली अगली सुनवाई में यह तय हो सकता है कि क्या कमेटी का गठन होगा और दोबारा परीक्षा की संभावना पर विचार होगा।
क्यों है यह मुद्दा अहम?
NEET UG 2025 जैसी राष्ट्रीय परीक्षा में ऐसी लापरवाही से देश के लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। खासकर जब इंदौर जैसे बड़े शहर में इस तरह की अव्यवस्था सामने आती है, तो यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। पहले भी साल 2016 में ओडिशा और 2022 में कुछ अन्य केंद्रों पर तकनीकी गड़बड़ियों के कारण दोबारा परीक्षा कराई गई थी।
ऐसे में इंदौर के छात्र भी न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
NEET UG 2025 की परीक्षा इंदौर में बिजली संकट के कारण विवादों में आ गई है। अब सबकी नजर 26 मई को होने वाली सुनवाई पर टिकी है, जहां यह तय होगा कि छात्रों को दोबारा मौका मिलेगा या नहीं।
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