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Neta ji Subhash Chandra bose: जानिए सुभाष चंद्र बोस जी से जुड़ी आठ मुख्य बातें ।

Neta ji Subhash Chandra bose

चलिए सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर जानते हैं उनसे जुड़े 8 बातें।

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23 जनवरी यानी कि आज Neta ji Subhash Chandra bose जी की जयंती है। आज उनकी 128वीं जयंती मनाई जा रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक बहुत बड़े देशभक्त थे। जिन्होंने लोगों को प्रेरित करने में अपना एक महान योगदान दिया था।उन्होंने पहली बार अंडमान में स्वतंत्र भारत का झंडा पहली बार लहराकर भारत के एक हिस्से को आजाद घोषित किया। और Neta ji Subhash Chandra bose वह शख्सियत थे, जिन्होंने विदेशों में जाकर भारतीयों की चेतना को झकझोर कर जगाया। नेता सुभाष चंद्र बोस जी ने आजादी के वक्त कई नारे लगाए जिन्हें आज भी याद किया जाता है।”तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ और भी ऐसे ही नारी सुभाष चंद्र बोस जी ने आजादी के वक्त लगाए थे। वही उनके द्वारा दिया गया “जय हिंद”का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। चलिए सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर जानते हैं उनसे जुड़े 8 बातें।

जानिए उनसे जुड़ी कुछ मुख्य बातें

•Neta ji Subhash Chandra bose का जन्म 1897 में ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियां और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी 9वीं संतान और 5वें बेटे थे।

,• Neta ji Subhash Chandra bose ने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा भी पास की थी जिसमें उन्हें चौथा रैंक प्राप्त हुआ था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजों से मुल्क की आजादी के लिए इस पद की बलि चढ़ा दी.

•Neta ji Subhash Chandra bose की परवरिश ब्रिटिश सरकार के एक शिष्ट नौकरशाह बनने के लिये अपने वकील पिता की निकट देखरेख में हुई जिसे उन्होंने हासिल भी कर लिया था। उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस में चौथा रैंक हासिल किया था। लेकिन उन्होंने अपने मुल्क को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए इस प्रतिष्ठित पद की बलि चढ़ा दी। आज की तरह तब भी यह पद पाना हर भारतीय का सपना हुआ करता था। उन्होंने अपना बचा हुआ जीवन देशसेवा में समर्पित कर दिया। जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना से वह काफी विचलित थे

•नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में साल 2021 से हर साल पराक्रम दिवस मनाया जाता है।

•देश की आजादी के लिए सुभाषचंद्र बोस ने 1943 में सिंगापुर में आजाद हिंद फौज सरकार की स्थापना की. जिसे 9 देशों की सरकारों ने मान्यता दी थी जिसमें जर्मनी, जापान और फिलीपींस भी शामिल थे.

•Neta ji Subhash Chandra bose ने ‘आजाद हिंद फौज’ नाम से रेडियो स्टेशन भी शुरू किया था. बोस ने पूर्वी एशिया में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व भी किया था.

•नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद और श्री रामकृष्ण परमहंस से बहुत प्रभावित थे। उनका मानना था कि आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और यही विश्वास उनके क्रांतिकारी उत्साह का आधार बना। विवेकानंद की शिक्षाओं ने बोस को एकजुट और स्वतंत्र भारत का सपना देखने के लिए प्रेरित किया।

•लेकिन 18 अगस्त 1945 को ताइपई में हुए एक विमान दुर्घटना के बाद नेताजी लापता हो गए. इसके लिए 3 जांच आयोग बैठाए गए जिसमें से दो ने दुर्घटना के दौरान मृत्यु का दावा किया था जबकि तीसरी कमेटी का दावा था कि घटना के बाद सुभाष चंद्र बोस जिंदा थे. इसको लेकर सुभाष चंद्र बोस के परिवार में भी मतभेद हो गया ।

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