
ज्ञानेश कुमार
New Chief Election Commissioner: सोमवार को 3 सदस्यों वाली समिति की बैठक में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में यह फैसला लिया गया कि ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाएगा। ज्ञानेश कुमार बुधवार यानी 19 फरवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे। यह बहुत दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पहले ही इसकी घोषणा कर दी गई। हालांकि ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर विपक्ष ने आपत्ति भी जाहिर की। जानेंगे कौन है ज्ञानेश कुमार और क्यों विपक्ष इन पर आपत्ति जाता रहा है।
जानिए कौन है New Chief Election Commissioner ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। 31 जनवरी 2024 को ज्ञानेश कुमार यूनियन कॉरपोरेशन सेक्रेटरी के पद से रिटायर हो गए थे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आने वाले मंत्रालय में 2022 में से ही सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त थे। और इसके 2 साल बाद उन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया था। 15 मार्च 2024 को उन्होंने चुनाव आयुक्त का पद संभाला और लगभग 1 साल बाद अब वह मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभालने जा रहे हैं। आपको बता दे की ज्ञानेश कुमार ने 5 साल गृह मंत्रालय में भी कार्य किया था। जहां वह मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव और उसके बाद सितंबर 2018 से लेकर अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे।
New Chief Election Commissioner: 370 से लेकर राम मंदिर तक कनेक्शन
ज्ञानेश कुमार का कश्मीर से लेकर राम मंदिर तक कनेक्शन रहा है। जब वह अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्य कर रहे थे तब जम्मू कश्मीर के मामलों की देखरेख वही कर रहे थे और अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द करने की घोषणा की गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार जब अनुच्छेद 370 को हटाने की बात चल रही थी उस वक्त ज्ञानेश कुमार गृह मंत्री अमित शाह के साथ लगातार सांसद आते रहते थे। केंद्र सरकार में ज्ञानेश कुमार को एक भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता है इस बात का पता है इससे चलता है कि उन्हें न केवल गोपनीय विधेयकों में से एक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधायक को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी बल्कि वह राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन में भी सम्मिलित रहे।
आपको बता दे की ज्ञानेश कुमार ने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक भी किया है और उन्होंने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्टस ऑफ़ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस में पढ़ाई भी की है।
New Chief Election Commissioner: विपक्ष कर रहा है विरोध
आपको बता दे मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में किया जाता है जबकि इसके एक सदस्य गृह मंत्री और दूसरे सदस्य नेता प्रतिपक्ष होते हैं इसके तहत यह चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई है और उनके साथ गृह मंत्री अमितशाह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। हालांकि कांग्रेस ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर आपत्ति जाहिर की लेकिन सरकार ने कांग्रेस की आपत्ति को नजर अंदाज करते हुए इस बैठक में ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनने का निर्णय लिया।
इस फैसले के बाद कांग्रेस के नेता वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “सरकार ने आधी रात को जल्दबाजी में नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है और सुप्रीम कोर्ट भी कई मामला में कह चुका है की मुख्य चुनाव आयुक्त पूरी तरह से निष्पक्ष होना चाहिए।
New Chief Election Commissioner: राहुल गांधी बैठक छोड़कर निकले बाहर
एक अंग्रेजी अखबार “द हिंदू” की रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी प्रधानमंत्री के आवासीय कार्यालय में हो रही बैठक छोड़कर बाहर निकल गए थे। राहुल गांधी ने अपनी बैठक से निकलने से पहले लिखित रूप में अपनी आपत्ति जाहिर की और नाम की चर्चा के दौरान राहुल गांधी बैठक में उपस्थित नहीं थे।
इसके बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का बयान आया की “मुख्य चुनाव आयुक्त को नियुक्त करने का नया नियम निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कहा कि” प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और नेता विपक्ष की समिति मुख्य चुनाव आयोग का चयन करती है। लेकिन उसमें बहुत सारी संवैधानिक और कानूनी समस्याएं भी हैं। इन समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने बात रखी गई और सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को फैसला दिया था। स्पेशल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और उसकी निष्पक्षता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की चयन समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और नेता विपक्ष उपस्थित हो।
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