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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: रेलवे ने कुछ ही घंटों में दी नकद राहत राशि

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। हादसे के बाद रेलवे ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। असामान्य बात यह रही कि मुआवजे की पूरी राशि नकद में दी गई, जबकि आमतौर पर यह प्रक्रिया ऑनलाइन भुगतान या चेक के माध्यम से पूरी की जाती है।

रेलवे ने क्यों दिया नकद मुआवजा?

भारतीय रेलवे की गाइडलाइंस के मुताबिक, दुर्घटनाओं में पीड़ित परिवारों को 50,000 रुपये तक की राशि तत्काल नकद दी जा सकती है, जबकि शेष राशि बैंक ट्रांसफर या चेक के जरिए मिलती है। लेकिन इस बार रेलवे ने सभी मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये सीधे नकद सौंप दिए।

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह अनुग्रह राशि (ex-gratia) है, जिसे तत्काल राहत के तौर पर दिया गया। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुआवजे से अलग है।

रेलवे का आधिकारिक बयान

रेल मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,

“भारतीय रेलवे ने सभी 18 मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए नकद दिए हैं। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।”

पीड़ितों को कैश सुरक्षित घर ले जाने की सुविधा

इतनी बड़ी नकद राशि मिलने के बाद रेलवे ने पीड़ित परिवारों की सुरक्षा का भी इंतजाम किया। जिन लोगों को जरूरत महसूस हुई, उनके लिए RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के जवानों की तैनाती की गई, ताकि वे सुरक्षित रूप से पैसा अपने घर ले जा सकें।

इस हादसे में अपनी पत्नी को खोने वाले विपिन कुमार झा ने बताया,

“मुझे पत्नी का शव सौंपे जाने के साथ 10 लाख रुपये नकद मिले। अधिकारियों ने कहा कि अगर सुरक्षा चाहिए तो RPF कांस्टेबल की मदद दी जाएगी। चूंकि मैं दिल्ली में रहता हूं, इसलिए मैंने सुरक्षा नहीं ली। लेकिन जो लोग दूसरे राज्यों से आए थे, वे पुलिस की सुरक्षा में पैसा लेकर गए।”

इसी तरह, अपने पति को खो चुकी मंजू कुशवाह ने कहा,

“हमें 10 लाख रुपए मिले, जो पूरी तरह नकद में दिए गए। इससे मदद तो मिलेगी, लेकिन यह हमारे अपनों को वापस नहीं ला सकता।”

घायलों का इलाज जारी, हादसे की जांच शुरू

इस भगदड़ में घायल यात्रियों का इलाज लोक नारायण जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) और लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। रेलवे ने हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

इतनी जल्दी राहत क्यों दी गई?

आमतौर पर ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों को मुआवजे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। लेकिन इस बार रेलवे ने कुछ ही घंटों में राहत राशि नकद में देकर सबको चौंका दिया।

अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में भी रेलवे इसी तेजी और संवेदनशीलता के साथ राहत प्रदान करेगा, या यह सिर्फ एक अपवाद था?

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