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नई ISRO प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने कहा, “चंद्रयान-4 के लिए रोडमैप साफ है

नई ISRO प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने कहा, "चंद्रयान-4 के लिए रोडमैप साफ है

नई ISRO प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने कहा, "चंद्रयान-4 के लिए रोडमैप साफ है

डॉ. वी नारायणन ने ISRO के नए प्रमुख के रूप में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए चंद्रयान-4 और अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए आत्मविश्वास व्यक्त किया।

भारत के सबसे प्रमुख अंतरिक्ष संगठन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए प्रमुख के रूप में डॉ. वी नारायणन का चयन किया गया है। उनके लिए यह पद एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे उन्होंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ स्वीकार किया है। चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन आर्किटेक्ट रहे डॉ. नारायणन ने अपनी भूमिका पर बात करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत के अगले अंतरिक्ष मिशन—चंद्रयान-4, गगनयान, शुक्र ग्रह की कक्षा मिशन और अन्य मिशन पूरी दुनिया में भारत की अंतरिक्ष शक्ति को और मजबूत करेंगे।

कौन हैं डॉ. वी नारायणन?

डॉ. वी नारायणन फिलहाल इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर के डायरेक्टर हैं। LPSC लॉन्च वीइकल्स की लिक्विड, सेमी क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक प्रोपल्शन स्टेज का डिवेलपमेंट करता है। डॉ. नारायणन ने 1984 में इसरो को जॉइन किया था। वह PSLV (पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल) और ASLV (ऑगमेन्टेड सैटलाइट लॉन्च वीइकल) पर विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में काम कर चुके हैं।

LPSC में क्रायोजेनिक प्रोपल्शन एरिया को जॉइन करने के पहले 1989 में उन्होंने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजिनियिरिंग से एमटेक में पहला स्थान हासिल किया था। उनके योगदान से भारत उन 6 देशों की फेहरिस्त में आ सका है जिनके पास कॉन्प्लेक्स और हाई परफॉर्मेंस वाले क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम्स हैं। डॉ. नारायणन ने 2001 में IIT खड़गपुर से ही एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में पीएचडी भी पूरी की थी।

डॉ. नारायणन ने साझा की अपनी योजना और दृष्टि

ISRO के नए प्रमुख के रूप में अपनी नियुक्ति पर डॉ. वी नारायणन ने CNN-News18 से बात की और अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा, “चंद्रयान-4, गगनयान मिशन, शुक्र ग्रह के लिए कक्षीय मिशन और अन्य मिशनों के लिए रोडमैप साफ है। मुझे खुशी है कि मैं इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हूं।”

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने अनुभव और टीम की मदद से इन मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने का पूरा विश्वास रखते हैं। डॉ. नारायणन ने यह भी बताया कि वे इस पद के लिए कभी उम्मीद नहीं कर रहे थे और उन्हें इस जिम्मेदारी का अहसास हुआ जब उन्हें इस शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया।

क्या कहते हैं डॉ. नारायणन के परिवार के सदस्य?

डॉ. वी नारायणन की पत्नी डॉ. काविता और उनकी बेटी दिव्या ने अपने पति और पिता पर गर्व जताया। डॉ. काविता ने कहा, “जैसे एक परिवार ISRO में एक साथ काम करता है, वैसे ही हम घर पर भी विज्ञान पर आधारित चर्चा करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं कि डॉ. नारायणन ISRO के प्रमुख बने हैं, यह भारत और उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”

दिव्या ने अपने पिता के बारे में कहा, “हमारे लिए यह एक बड़ा कदम है। पापा ने हमें यह सिखाया कि किसी भी परिवार या पृष्ठभूमि से हो, अगर आप पूरी मेहनत से काम करते हैं, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।”

डॉ. नारायणन का अनुभव और नेतृत्व क्षमता

आईआईटी-खड़गपुर से स्नातक डॉ. नारायणन के पास लगभग चार दशकों का अनुभव है और उन्होंने ISRO के भीतर कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता उन्हें इस नए पद के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। उनका कहना है कि उन्हें उनके वरिष्ठों, विशेष रूप से एस सोमनाथ और विक्रम साराभाई से हमेशा प्रेरणा मिलती रही है।

डॉ. नारायणन ने कहा, “हम जब काम में जुटते हैं तो यह नहीं देखते कि कौन सा पद हमें मिलेगा, बस पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं। मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि मैं इस पद तक पहुंचूंगा।”

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में डॉ. नारायणन की दृष्टि

डॉ. नारायणन का मानना ​​है कि देश को कई क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीकी विकास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम जलवायु अध्ययन, आपदा प्रबंधन प्रणाली, संचार के लिए उपग्रह, और पृथ्वी अवलोकन के क्षेत्र में आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करें। ISRO ने इस दिशा में पहले भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और हम इसे और बढ़ाएंगे।”

उनके अनुसार, ISRO का उद्देश्य भारतीय नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए बेहतर तकनीकी समाधान प्रदान करना है, और वे अपने मिशनों के माध्यम से देश के लिए और योगदान देने के लिए तैयार हैं।

आने वाले अंतरिक्ष मिशन

डॉ. नारायणन के नेतृत्व में ISRO कुछ महत्वपूर्ण मिशनों को पूरा करने के लिए तैयार है, जिनमें चंद्रयान-4 और गगनयान मिशन प्रमुख हैं। चंद्रयान-4 मिशन के तहत, भारत चंद्रमा पर फिर से अपना कदम रखेगा, वहीं गगनयान मिशन के द्वारा भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। इसके साथ ही, शुक्र ग्रह के कक्षीय मिशन को भी लेकर डॉ. नारायणन उत्साहित हैं।

इससे यह स्पष्ट होता है कि डॉ. नारायणन ISRO के विकास और भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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