
Nikki Murder Case: जब पति ने पत्नी को जिंदा जला डाला, पिता बोले- सीने में गोली मारो
Nikki Murder Case: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में हुआ निक्की मर्डर केस आज पूरे देश का ध्यान खींच रहा है। यह मामला न सिर्फ एक क्रूर हत्या की कहानी है, बल्कि दहेज प्रथा की काली सच्चाई और कानून व्यवस्था के सवालों को भी सामने लाता है।
क्या है पूरा मामला?
रूपबास गांव के भिखारी सिंह की दो बेटियों, कंचन और निक्की की शादी दिसंबर 2016 में सिरसा गांव के दो सगे भाइयों, रोहित और विपिन भाटी से हुई थी। सबकुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन समय के साथ रिश्तों में कड़वाहट आने लगी। आरोप है कि विपिन भाटी लगातार दहेज की मांग करता था और उसने निक्की से 35 लाख रुपये की मांग की थी। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो बीते गुरुवार को उसने एक खौफनाक कदम उठाया।
पुलिस और परिजनों के मुताबिक, विपिन ने पत्नी निक्की को जिंदा जला दिया। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। हत्या के बाद आरोपी पति और उसके परिजन घर से फरार हो गए। कासना पुलिस ने तेजी दिखाते हुए रात में ही आरोपी विपिन भाटी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कस्टडी और मुठभेड़
गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ कर रही थी, लेकिन विपिन ने कस्टडी से भागने की कोशिश की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और उसके पैर में गोली मार दी। घायल हालत में विपिन को जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, अस्पताल में बुर्का पहनकर बेटे से मिलने पहुंची उसकी मां दया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पीड़ित परिवार का गुस्सा
निक्की के पिता, भिखारी सिंह का गुस्सा और दर्द साफ झलक रहा है। उनका कहना है कि पुलिस की गोली पैर में नहीं, बल्कि सीने में लगनी चाहिए थी। उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके दिल को कुछ सुकून मिलता। उन्होंने पुलिस से फरार आरोपियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भिखारी सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए और केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए। उनका कहना है कि निक्की के साथ जो बर्बरता हुई, उसकी सजा भी उतनी ही कठोर होनी चाहिए।
सोशल मीडिया और समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोग दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि जब तक सख्त कानून और त्वरित न्याय नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।
वहीं, आरोपी विपिन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर निक्की की मौत को आत्महत्या बताया है। लेकिन पुलिस जांच और सबूतों के आधार पर मामला हत्या का ही माना जा रहा है।
क्या मिल सकता है न्याय?
यह मामला एक बार फिर समाज के सामने सवाल खड़ा करता है – आखिर कब तक बेटियों को दहेज और घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ेगा? क्या कानून का डर अपराधियों के दिल में नहीं है? पीड़ित परिवार की आवाज यही कहती है कि उन्हें सिर्फ न्याय चाहिए, वह भी जल्द।
इस घटना से जुड़ा हर पहलू दर्दनाक है। लेकिन सबसे अहम है कि इस केस की सुनवाई तेजी से हो और अपराधियों को कठोर सजा दी जाए। तभी निक्की की आत्मा को शांति और उसके परिवार को न्याय मिल सकेगा।
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