Rs 20,000 करोड़ का नुकसान, 80 से ज्यादा आत्महत्याएं और टेरर लिंक: सरकार ने बताई Online Money Gaming बैन की 4 बड़ी वजहें
Online Money Gaming: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक विस्तृत हलफनामे में कहा है कि Real-Money Online Gaming देश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बन चुका है। सरकार के अनुसार भारत में लोग हर साल लगभग ₹20,000 करोड़ ऐसे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स में गँवा देते हैं और करीब 45 करोड़ Indians इससे प्रभावित हो चुके हैं।
सरकार ने यह भी बताया कि इन प्लेटफॉर्म्स के कारण 80 से ज्यादा आत्महत्याएं, टेरर फंडिंग, हवाला नेटवर्क, और क्रिप्टो-रूटेड मनी लॉन्ड्रिंग में तेजी आई है।
यह हलफनामा Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 के खिलाफ दायर कंपनियों की याचिकाओं के जवाब में दाखिल किया गया है।
Terror Funding & Money Laundering के ‘मजबूत सबूत’ – सरकार का दावा
सरकार ने कोर्ट को बताया कि Unregulated Real Money Gaming को अपराधी नेटवर्क जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
हलफनामे के अनुसार:
- नशा तस्करी
- मानव तस्करी
- हथियार तस्करी
- ऑनलाइन फ्रॉड
- विदेशी हवाला चैन
इन सभी में Online Gaming Ecosystem का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सरकार ने कहा कि यदि कोर्ट निर्देश दे तो वे “Classified Material” सीलबंद लिफाफे में सौंपने को तैयार हैं।
Suspicious Transactions में 20 गुना बढ़ोतरी
केंद्र ने बताया कि पिछले चार वर्षों में संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में ‘Explosive Growth’ देखी गई है।
मुख्य आंकड़े:
- 2019–20 में सिर्फ 1 STR enquiry,
- 2023–24 में बढ़कर 200+ enquiries
- 7,000 बैंक अकाउंट्स जुड़े संदिग्ध लेन-देन से
- FY24 में ₹5,700 करोड़ की आउटवर्ड रेमिटेंस
- अधिकतर पैसा ऐसे देशों में भेजा गया जहां Regulatory Oversight कमजोर है
सरकार के अनुसार यह एक “high-risk laundering channel” बन चुका है।
Public Health Crisis: Addiction और Suicides में बढ़ोतरी
सरकार ने बताया कि लत बढ़ने के कारण पूरे देश में आत्महत्या के मामलों में तेज़ इजाफा हुआ है।
रिपोर्टेड आंकड़े:
- कर्नाटक: 32 आत्महत्याएं (Jan 2023 – July 2025)
- तेलंगाना: 20 मामले (पिछले एक साल में)
- तमिलनाडु: 30 से अधिक केस
सरकार का अनुमान है कि गेमिंग में नुकसान ₹20,000 करोड़ प्रति वर्ष तक पहुंच चुका है।
सरकार ने कहा—
“मानव जीवन से बड़ा कोई व्यवसाय नहीं… Online Money Gaming हर महीने जानें ले रहा है।”
Digital Sphere पर नियंत्रण – केंद्र की संवैधानिक शक्तियाँ
सरकार ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म, इंटरनेट और ऑनलाइन इकोसिस्टम को नियंत्रित करने का अधिकार स्पष्ट रूप से Union List (Entry 31 & 97) में आता है।
राज्यों द्वारा अलग-अलग नियम लागू करने को सरकार ने बताया:
- Regulatory Chaos
- Conflicting Court Orders
- Random Raids
- No Uniform Policy
इसी वजह से 2023 में IT Gaming Rules लाए गए थे।
Crypto Layering, Mule Accounts और Offshore Shells का जाल
सरकार ने बताया कि:
- Students
- Homemakers
- Retired individuals
- Daily wage earners
इनके बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल Mule Accounts के रूप में किया जा रहा है।
इन अकाउंट्स से पैसे:
- Crypto routes
- Hawala chains
- Offshore shell companies
तक भेजे जा रहे हैं।
सरकार का दावा है कि यह एक High-Risk, High-Anonymity Network है।
Industry के Article 19 Rights को Court में चुनौती
गेमिंग कंपनियों का तर्क था कि यह बैन Right to Trade (Article 19(1)(g)) का उल्लंघन है।
केंद्र ने कहा:
- Real-money gaming res extra commercium है
- यानी यह “Public Welfare के खिलाफ” होने पर प्रतिबंधित किया जा सकता है
- Job loss या Investment impact, Human Lives से ऊपर नहीं हो सकता
सरकार के अनुसार—
“कंपनियों को बस अपने बिजनेस मॉडल बदलने होंगे।”
E-Sports और Non-Money Games पर बैन नहीं
सरकार ने स्पष्ट किया:
Ban सिर्फ real-money stakes वाले games पर है
E-sports, skill games और non-monetary gaming जारी रहेंगे
यह भी पढ़े: SIR campaign पर देशव्यापी विवाद, 22 दिनों में 7 राज्यों से 25 BLO deaths, राजनीति गरमाई
