
Operation ShivShakti: पुंछ में घुसने की कोशिश हुई नाकाम, २ आतंकी ढेर
Operation ShivShakti: भारतीय सेना ने बुधवार (30 जुलाई) को ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पार कर घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया। यह संयुक्त अभियान भारतीय सेना की खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) द्वारा सहक्रियात्मक और समन्वित खुफिया सूचनाओं के आधार पर शुरू किया गया था। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना लगातार अभियान चला रही है। ‘ऑपरेशन महादेव’ के बाद यह अगला सफलतापूर्ण ऑपरेशन चलाया गया है।
क्या है Operation Shivshakti ?
ऑपरेशन शिवशक्ति नामक यह अभियान भारतीय सेना की खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) से मिली सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एक सफल घुसपैठ-रोधी अभियान में, भारतीय सेना के जवानों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पार करने की कोशिश कर रहे 2 आतंकवादियों को मार गिराया।
पंच सेक्टर नियंत्रण रेखा (Line of Control) के निकट हकीकत साक्षात्कार के बाद ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ शुरू हुआ। सेना की व्हाइट नाइट कॉर्पस (White Knight Corps) ने सोशल प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “घुसपैठ करने की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। भारतीय सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे 2 मछुआरों को मार गिराया। मारे गए आतंकवादियों में एक आतंकी सुलेमान शाह भी शामिल है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह पाकिस्तानी सेना का एक पूर्व कमांडो और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड भी था। सेना की ओर से की गई सख्त कार्रवाई और लगातार गोलाबारी ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया।
#WhiteKnightCorps#OPERATION SHIVSHAKTI
In a successful anti-infiltration operation, alert troops of the #IndianArmy eliminated two terrorists attempting to infiltrate across the Line of Control. Swift action and accurate firepower thwarted the nefarious designs. Three weapons…
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) July 30, 2025
सेना की vigilance, सर्च Operation शुरू
इस पोस्ट में आगे कहा गया है की हमारी अपनी खुफिया इकाइयां और जम्मू-कश्मीर पुलिस का साझा प्रयास और समन्वित इंटेलिजेंस रिकवरी से यह अभियान सफल हो रहा है। इसी बीच कठुआ जिले के राजबाग सेक्टर के चब्बा चक, फोटो और आसपास के इलाकों में दो गरीब लोगों के देखने के बाद सुरक्षा सर्च ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यह कमांडेंट कमांडो के पास दागाची वन क्षेत्र में ‘ऑपरेशन महादेव’ के ठीक 2 दिन बाद हुआ है, जिसमें 3 फ्रेंडशिप एजेंसियों द्वारा फोर्सगेम हमलों से जुड़े लोगों को मार गिराया गया था।
हाल की आतंकी घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एलओसी पर निगरानी और भी सख्त कर दी है। सेना लगातार रात्रि गश्त, ड्रोन निगरानी और खुफिया सूचना के आधार पर इलाके की घेराबंदी कर रही है। भारतीय सेना के अनुसार, ये आतंकवादी सीमापार से पाकिस्तान की ओर से भेजे गए थे, जिनका उद्देश्य घाटी में अस्थिरता फैलाना था। लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता और तीव्र कार्रवाई के चलते उनकी यह कोशिश नाकाम हो गई। उनके ठिकाने से हथियार, गोला-बारूद और खाद्य जैसी सामग्री बरामद की गई।
सेना ने दी LG मनोज सिन्हा को जानकारी !
सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने कल मंगलवार को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को ऑपरेशन महादेव के बारे में जानकारी दी, जिसके चलते पहलगाम हमले में शामिल 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
इससे पहले प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के एक सहयोगी, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। पहलगाम मामले की जांच कर रहे NIA ने बताया कि आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर चुनिंदा पर्यटकों को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में, भारत की ओर से 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर दिया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया था। जिसमें कथित तौर पर 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। हालांकि 3 दिन बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया।
ये दोनों ही ऑपरेशन ऐसे समय पर हुए हैं, जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर भारी बहस चल रही है। विपक्ष इस ऑपरेशन पर सरकार से सवाल कर रहा है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
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