Papankusha Ekadashi fast 2024: हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष, यह व्रत 13 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है। इस लेख में हम पापांकुशा एकादशी के महत्व, पूजा विधि, और इसे मनाने के लाभों पर चर्चा करेंगे।
Papankusha Ekadashi fast 2024 का महत्व
पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मन की शुद्धि होती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पापांकुशा एकादशी का व्रत केवल पापों से मुक्ति नहीं देता, बल्कि यह धन, मान-सम्मान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का भी साधन है।
दान का महत्व
इस दिन सुवर्ण, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते, छाते, और तिल का दान करने का विशेष महत्व है। दान करने से व्यक्ति को यमराज के दर्शन नहीं होते और उन्हें अनेक प्रकार के पुण्य प्राप्त होते हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सारे दान करने के समान फल मिलता है।
साधना का फल
पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत करने से भक्त को धन-दौलत, सुख-सौभाग्य, और संतोष की प्राप्ति होती है। यह व्रत एक हजार अश्वमेघ और सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान करता है। जो व्यक्ति इस एकादशी की रात्रि जागरण करता है, वह सीधा स्वर्ग लोक को जाता है।
Papankusha Ekadashi fast 2024 शुभ मुहूर्त
इस वर्ष पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 मिनट पर होगी और इसका समापन 14 अक्टूबर को सुबह 06:41 मिनट पर होगा। इसीलिए इस दिन व्रत करना अनिवार्य है।
पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि
सुबह की तैयारी
- स्नान और शुद्धता: पापांकुशा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- व्रत का संकल्प: व्रत का संकल्प लें और मानसिक रूप से अपने उद्देश्यों को निर्धारित करें।
पूजा की प्रक्रिया
- पूजा स्थान की तैयारी: अपने घर के पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें।
- भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर: चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- अर्पण: भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, फल, और मिठाई चढ़ाएं।
- दीप जलाना: घी का दीपक जलाएं और व्रति की प्रार्थना करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- आरती: पूजा के अंत में आरती करें और भगवान का धन्यवाद करें।
दान और फलाहार
दिन खत्म होने से पहले जरूरतमंद लोगों को दान दें। रात में आरती करने के बाद फलाहार करें। अगले दिन निर्धारित समय पर पूजा करके व्रत खोलें।
निष्कर्ष
पापांकुशा एकादशी का व्रत न केवल व्यक्ति के पापों का नाश करता है, बल्कि उसे सभी इच्छाओं की पूर्ति और मोक्ष की प्राप्ति का भी साधन बनाता है। यह एक विशेष अवसर है जब भक्त अपनी आस्था और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से भक्त को जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस व्रत को पूरे मन से करें और अपने परिवार के साथ इस शुभ अवसर का लाभ उठाएं।