Skip to content
Aarambh News

Aarambh News

सत्य, सर्वत्र, सर्वदा

cropped-scootyy-903-x-110-px-1.webp
Primary Menu
  • Home
  • भारत
  • देश विदेश
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • ज्योतिष
  • शिक्षा/ रोजगार
  • स्वास्थ्य
  • खेल
  • तकनीकी
  • Viral खबरे
  • Home
  • ज्योतिष
  • Pitrapaksh 2024: तर्पण, Shraadh और पिंडदान का महत्व और प्रक्रिया
  • ज्योतिष

Pitrapaksh 2024: तर्पण, Shraadh और पिंडदान का महत्व और प्रक्रिया

Rahul Pandey September 17, 2024
Pitrapaksh

हिंदू धर्म में Pitrapaksh को विशेष महत्व दिया जाता है। यह वह समय होता है जब हम अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं। 

Pitrapaksh

Pitrapaksh हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन अमावस्या तक चलता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा को तृप्त करने के लिए विविध धार्मिक कर्मकांड करते हैं।

 Pitrapaksh 2024, 17 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है और 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर समाप्त होगा। इस दौरान पितरों के तर्पण के लिए जल और तिल का विशेष महत्व है, और यह प्रक्रिया धार्मिक परंपराओं के अनुसार की जाती है।

 

Table of Contents

Toggle
      • तर्पण क्यों किया जाता है जल और तिल से?
      • Pitrapaksh में कितनी पीढ़ियों का श्राद्ध किया जाता है?
      • कौन कर सकता है तर्पण और श्राद्ध?
      • श्राद्ध और तर्पण की प्रक्रिया
      • Pitrapaksh 2024 में विशेष दिन और तिथियों का महत्व
      • उदाहरण के लिए:
      • पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध और ऋषि तर्पण
      • Pitrapaksh 2024 के अद्भुत संयोग और धार्मिक महत्व
      • पितृदोष से मुक्ति और आशीर्वाद का महत्व
  • About the Author
      • Rahul Pandey

तर्पण क्यों किया जाता है जल और तिल से?

तर्पण और श्राद्ध कर्म के दौरान जल और तिल का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसे “तिलांजलि” भी कहा जाता है। इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। जल को शीतलता और त्याग का प्रतीक माना गया है। यह जीवन के आरंभ से लेकर मोक्ष तक साथ रहता है। वहीं, तिल को सूर्य और शनि से जोड़ा गया है, जिन्हें पिता-पुत्र का प्रतीक माना जाता है। इस तरह से तिल हमारे पितरों से भी संबंध रखता है। जल और तिल के माध्यम से तर्पण करने से पितर तृप्त होते हैं और प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

 

Pitrapaksh में कितनी पीढ़ियों का श्राद्ध किया जाता है?

Pitrapaksh के दौरान तीन पीढ़ियों का श्राद्ध किया जाता है – पितृ (पिता), पितामह (दादा), और परपितामह (परदादा)। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य कन्या राशि में आता है, तो पितर अपने परिजनों के पास आते हैं। तीन पीढ़ियों को देव तुल्य माना गया है – पिता को वसु के समान, दादा को रुद्र के समान और परदादा को आदित्य के समान। यह मान्यता भी है कि एक सामान्य मनुष्य की स्मरण शक्ति भी तीन पीढ़ियों तक ही रहती है।

 

कौन कर सकता है तर्पण और श्राद्ध?

तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं। आमतौर पर पुत्र, पौत्र, भतीजा, या भांजा श्राद्ध करता है। लेकिन यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है, तो धेवता (पुत्री का पुत्र) और दामाद भी श्राद्ध कर सकते हैं। अगर यह भी संभव न हो, तो पुत्री या बहू भी श्राद्ध कर सकती है। इसलिए श्राद्ध कर्म किसी भी निकटतम संबंधी द्वारा किया जा सकता है, ताकि पितरों को तृप्ति मिल सके।

Pitrapaksh

श्राद्ध और तर्पण की प्रक्रिया

तर्पण करने के लिए सबसे पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ता और गाय का अंश निकाला जाता है। इसके बाद किसी पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प रखकर कुश और काले तिलों के साथ तीन बार तर्पण किया जाता है। तर्पण के दौरान “ॐ पितृदेवताभ्यो नम:” का उच्चारण किया जाता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

Pitrapaksh 2024 में विशेष दिन और तिथियों का महत्व

Pitrapaksh 2024 की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है। इस दिन चतुर्दशी तिथि पूर्वाह्न 11:44 बजे तक रहेगी, जिसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। इस बार कोई तिथि क्षय न होने के कारण पूरे 16 दिन श्राद्ध होंगे। इन 16 दिनों के दौरान हर दिन किसी न किसी तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है।

उदाहरण के लिए:

19 सितंबर को द्वितीया और प्रतिपदा का श्राद्ध होगा।

20 सितंबर को तृतीया तिथि का श्राद्ध होगा।

22 सितंबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध होगा।

2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध का समापन होगा।

पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध और ऋषि तर्पण

Pitrapaksh की पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध विशेष महत्व रखता है। इसे “ऋषि तर्पण” कहा जाता है। इस दिन अगस्त्य मुनि का तर्पण किया जाता है, जो देवताओं और ऋषियों के रक्षक माने जाते हैं। इस दिन पिंडदान और तर्पण के अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य भी किया जाता है। साथ ही गाय, कौआ और कुत्ते के लिए भोजन निकालने की परंपरा भी है, जो श्राद्ध कर्म का एक अभिन्न हिस्सा है।

श्राद्ध में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

श्राद्ध पक्ष के दौरान कुछ चीजों की खरीदारी और उपयोग से बचने की सलाह दी जाती है, जैसे:

 

झाड़ू – यह आर्थिक और घरेलू स्थिरता से जुड़ा माना जाता है।

सरसों का तेल – इसे नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा माना गया है।

नमक – यह वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

इन चीजों की खरीदारी पितृपक्ष में वर्जित मानी जाती है। इसके अलावा, पितरों की तृप्ति के लिए भोजन में सात्विकता का पालन करना चाहिए और भोग लगाते समय पूरे विधि-विधान का ध्यान रखना चाहिए।

 

Pitrapaksh 2024 के अद्भुत संयोग और धार्मिक महत्व

इस बार Pitrapaksh का प्रारंभ 17 सितंबर को अद्भुत संयोगों के साथ हो रहा है। चतुर्दशी तिथि के बाद पूर्णिमा तिथि लगने से 17 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाएगा। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाएगी, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी लोक पर अपने परिजनों से मिलने आते हैं और उनके द्वारा किए गए तर्पण और श्राद्ध से तृप्त होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। यह भी माना जाता है कि पितर इस समय अपने परिवार को समृद्धि, सुख और शांति का आशीर्वाद देते हैं।

 

पितृदोष से मुक्ति और आशीर्वाद का महत्व

Pitrapaksh के दौरान श्राद्ध कर्म, तर्पण, और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस व्यक्ति पर पितरों की कृपा होती है, उसे जीवन में किसी प्रकार की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही पितृदोष से भी मुक्ति मिलती है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जीवन में आने वाली बाधाओं का मुख्य कारण माना जाता है।

Pitrapaksh हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का समय है। इन 16 दिनों के दौरान किए गए धार्मिक कर्मकांड न केवल पितरों को तृप्त करते हैं, बल्कि परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि भी लाते हैं।

International Day of Peace 2024: दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने का आह्वाहन

One Nation One Election’ क्या है यह योजना?

 

About the Author

5cb956c41add22969457e992e88428e962b75949014633290e30f9243ad5082a?s=96&d=mm&r=g

Rahul Pandey

Administrator

Visit Website View All Posts

Post navigation

Previous: World Patient Safety Day [WHO]: रोगी सुरक्षा में सुधार हेतु वैश्विक आह्वान
Next: Atishi Marlena: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं, जाने कैसे हुयी इनकी राजनीति की शुरआत

Related Stories

Kaal Bhairav Jayanti
  • ज्योतिष

Kaal Bhairav Jayanti 2025: काशी के कोतवाल से कैसे पाएं कृपा, जानिए तिथि, कथा और उपाय

Suman Goswami November 12, 2025
Kartik Purnima 2025
  • ज्योतिष
  • शिक्षा/ रोजगार

Guru Nanak Jayanti 2025: ईश्वर एक है — गुरु नानक देव जी की यह सीख आज भी अमर है

Suman Goswami November 5, 2025 2
Devuthani Ekadashi 2025 Upay
  • ज्योतिष

Devuthani Ekadashi 2025: शुभ कार्यों की हुई शुरुआत, जानें शादी की सबसे मंगल तिथियाँ और तरक्की के लिए उपाय

Suman Goswami October 31, 2025

Latest

Nithari case
  • भारत
  • Viral खबरे

Nithari case: 18 साल इंतज़ार… और गुनहगार आज़ाद? निठारी कांड का सच कहाँ खो गया?

Suman Goswami November 15, 2025
Nithari case: नोएडा के निठारी गांव की तंग गलियों में आज भी एक दबा हुआ सन्नाटा घूमता...
Read More Read more about Nithari case: 18 साल इंतज़ार… और गुनहगार आज़ाद? निठारी कांड का सच कहाँ खो गया?
Kamini Kaushal death: 98 साल की उम्र में कामिनी कौशल ने कहा अलविदा ,वो जिन्होंने सालों तक बॉलीवुड पर राज किया Kamini Kaushal death
  • Viral खबरे

Kamini Kaushal death: 98 साल की उम्र में कामिनी कौशल ने कहा अलविदा ,वो जिन्होंने सालों तक बॉलीवुड पर राज किया

November 14, 2025
2900 kg explosives: फतेहपुर तगा बना आतंक का अड्डा, डॉ. मुजम्मिल ने ऐसे रची साजिश 2900 kg explosives
  • Viral खबरे

2900 kg explosives: फतेहपुर तगा बना आतंक का अड्डा, डॉ. मुजम्मिल ने ऐसे रची साजिश

November 12, 2025
AirTravelCrisis: अमेरिका में 40 एयरपोर्ट्स पर हड़कंप, शटडाउन की वजह से 2000 उड़ानें रद्द, हजारों कर्मचारी बिना सैलरी काम करने को मजबूर USShutdown
  • देश विदेश
  • Viral खबरे

AirTravelCrisis: अमेरिका में 40 एयरपोर्ट्स पर हड़कंप, शटडाउन की वजह से 2000 उड़ानें रद्द, हजारों कर्मचारी बिना सैलरी काम करने को मजबूर

November 10, 2025
Bengaluru Airport Namaz: बेंगलुरु में बवाल, बीजेपी ने सरकार से पूछा ,“हाई सिक्योरिटी जोन में ये कैसे हुआ?” Bengaluru Airport Namaz
  • Viral खबरे

Bengaluru Airport Namaz: बेंगलुरु में बवाल, बीजेपी ने सरकार से पूछा ,“हाई सिक्योरिटी जोन में ये कैसे हुआ?”

November 10, 2025

You may have missed

Jaggery in winter
  • स्वास्थ्य

Jaggery in winter: ठंड में क्यों जरूरी है गुड़? जानें 11 बड़े फायदे और सुरक्षित मात्रा

Satya Pandey November 17, 2025
Sheikh Hasina verdict
  • देश विदेश

Sheikh Hasina verdict: पूर्व PM शेख हसीना को ICT कोर्ट से फांसी की सजा, 2024 की हिंसा में दोषी करार

Satya Pandey November 17, 2025
Nitish Kumar
  • राजनीति

Nitish Kumar ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफ़ा, 20 नवंबर को गांधी मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण

Satya Pandey November 17, 2025
Baghpat gangrape case
  • भारत

Baghpat gangrape case: पति ने पत्नी को जुए में हारा, 8 दोस्तों बारी बारी से किया रेप, ससुराल वालों पर भी गंभीर आरोप

Satya Pandey November 17, 2025
  • Facebook
  • Instagram
  • YouTube
  • X
  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Home
  • Privacy Policy
  • Terms & Condtions
Copyright © All rights reserved. | MoreNews by AF themes.