बिहार विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जनसुराज के संस्थापक Prashant Kishor ने शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होकर चुनावी प्रक्रिया, परिणाम और पार्टी की आगे की रणनीति पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी।
बिहार विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जनसुराज के संस्थापक Prashant Kishor ने शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होकर चुनावी प्रक्रिया, परिणाम और पार्टी की आगे की रणनीति पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव में सत्ता पक्ष द्वारा पैसों के माध्यम से वोट प्रभावित करने की कोशिश की गई। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि वे अपनी निजी संपत्ति और आगामी आय का बड़ा हिस्सा पार्टी को समर्पित करेंगे।
वोट खरीदने के आरोप
Prashant Kishor ने आरोप लगाया कि चुनाव में कुछ दलों ने मतदाताओं को आर्थिक प्रलोभन देकर वोट हासिल किए। उनके अनुसार, “10-10 हजार रुपए देकर वोट खरीदे गए। प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत रही, जिससे चुनावी माहौल प्रभावित हुआ।”
Prashant Kishor ने कहा कि यदि नई सरकार महिलाओं को छह महीने के भीतर वादा किए गए सहायता राशि नहीं देती, तो वे संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों का शांतिपूर्ण घेराव करेंगे।
किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके अनुसार यह जनसुराज की हार नहीं, बल्कि “उसे कुचलने की कोशिश” का परिणाम है।
जनता से आर्थिक सहयोग की अपील
चुनाव प्रचार और संगठन विस्तार में हुए खर्च का जिक्र करते हुए किशोर ने कहा कि वे आगे पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए जनसहयोग पर निर्भर रहेंगे। उन्होंने जनता से एक वर्ष में एक हजार रुपए सहयोग के रूप में देने की अपील की। उन्होंने कहा,
“मैं अपनी कमाई का 90% हिस्सा अगले पांच वर्षों तक जनसुराज को दूंगा। पिछले 20 वर्षों में अर्जित अधिकांश संपत्ति भी पार्टी को दान कर रहा हूं।” Prashant Kishor के अनुसार यह निर्णय संगठन को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सहयोग करने में सक्षम हैं, वे आवश्यकता अनुसार अधिक राशि भी दे सकते हैं।
नीतीश कैबिनेट पर टिप्पणी
नई नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल को लेकर Prashant Kishor ने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं पर आपराधिक आरोप हैं या उनका राजनीतिक अनुभव सीमित है, फिर भी उन्हें मंत्री पद मिला। उनका कहना था, “ऐसे लोगों को जगह मिली जिन्हें केवल पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि का लाभ मिला है। कुछ मंत्री शिक्षित भी नहीं हैं।”
किशोर ने दावा किया कि नए कैबिनेट में भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों से जुड़े नाम शामिल हैं, जो जनता की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है।
Prashant Kishor का गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन व्रत
चुनावी परिणाम आने के तीन दिन बाद Prashant Kishor ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। इसके बाद उन्होंने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन व्रत किया।
जनसुराज के अनुसार यह उपवास किसी विरोध का हिस्सा नहीं था, बल्कि आत्ममंथन और आगामी रणनीति पर मनन के उद्देश्य से रखा गया था। संगठन का कहना है कि किशोर लगातार मिशन 2025 और संगठन के पुनर्गठन पर विचार कर रहे हैं।
जनसुराज का चुनावी प्रदर्शन
बिहार की 243 सीटों में से जनसुराज ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। 238 में से 233 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। मढ़ौरा सीट पर पार्टी दूसरे स्थान पर रही, वह भी तब जब एनडीए प्रत्याशी का नामांकन रद्द हुआ था।
पार्टी का वोट शेयर करीब 2% के आसपास रहा। इसके मुकाबले AIMIM और BSP का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। AIMIM को 1.9% वोट शेयर के साथ 5 सीटें, जबकि BSP को 1.6% वोट शेयर के साथ 1 सीट मिली।
अपने जिले में भी नहीं बचा पाए जमानत
Prashant Kishor रोहतास जिले से आते हैं, जहाँ 7 विधानसभा सीटें हैं। जनसुराज इनके अपने जिले की किसी भी सीट पर जमानत नहीं बचा पाई।
संगठन के अनुसार यह परिणाम जनता के भरोसे का अभाव नहीं, बल्कि संसाधनों, संगठन, समय और चुनावी अनुभव की कमी का परिणाम है।
NDA पर फिर से आरोप
जनसुराज नेता और भोजपुरी अभिनेता रितेश पांडे ने भी आरोप लगाया कि गरीब और पिछड़े इलाकों में वोट खरीदने की घटनाएँ अधिक सामने आईं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए। उन्होंने कहा, “Prashant Kishor ने गरीबी, शिक्षा और पलायन जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन कुछ दलों ने लोकतंत्र की सबसे निचली प्रवृत्ति, वोट खरीदने का सहारा लिया।”
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