केंद्र सरकार 19 नवंबर 2025 को इस योजना की 21वीं किस्त जारी करने जा रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के लाभार्थी किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार 19 नवंबर 2025 को इस योजना की 21वीं किस्त जारी करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस किस्त को औपचारिक रूप से जारी करेंगे, जिसके बाद देशभर के 10 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 2,000-2,000 रुपये की सहायता राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
इस बार भी सरकार का लक्ष्य है कि सभी पात्र किसानों तक राशि बिना किसी देरी और बाधा के पहुंचे। कृषि सीजन के बीच यह किस्त किसानों के लिए एक अहम आर्थिक सहारा बनती है, खासकर तब जब रबी फसलों की तैयारी अपने चरम पर होती है।
योजना के अंतर्गत किसानों को कैसे मिलता है लाभ?
PM-KISAN योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किस्तों अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर और दिसंबर-मार्च में दी जाती है। हर किस्त 2,000 रुपये की होती है और इसे सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किया जाता है।
PM-KISAN योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पैसा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर होता है, जिससे बिचौलियों या देरी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। 2019 में शुरुआत से अब तक इस योजना का दायरा लगातार बढ़ा है और लाखों किसानों ने इससे आर्थिक राहत पाई है।
कुछ राज्यों में PM-KISAN की 21वीं किस्त पहले ही जारी
केंद्र सरकार ने इस बार कुछ राज्यों को 21वीं किस्त अग्रिम रूप से जारी कर दी थी। 26 सितंबर 2025 को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों के खातों में यह किस्त भेज दी गई थी। इन राज्यों में उस समय बाढ़ और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ था, ऐसे में किसानों को त्वरित राहत देने के लिए केंद्र ने जल्दी भुगतान किया।
इसके बाद 7 अक्टूबर 2025 को जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी 21वीं किस्त ट्रांसफर की गई। अन्य राज्यों के किसानों को अब 19 नवंबर को यह राशि मिलने की उम्मीद है। इससे पहले, अगस्त-नवंबर वाली किस्त सामान्य रूप से इसी अवधि में भेजी जाती है, लेकिन इस बार आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए कुछ क्षेत्रों में अग्रिम सहायता उपलब्ध कराई गई।
किसानों को PM-KISAN किस्त पाने से पहले क्या करना चाहिए?
21वीं किस्त जारी होने से पहले किसानों को निम्न बातों की पुष्टि कर लेनी चाहिए कि ई-केवाईसी पूरी हो, बैंक खाता सक्रिय और आधार से लिंक हो, जमीन के रिकॉर्ड में नाम सही दर्ज हो, PM-KISAN पोर्टल पर Beneficiary Status नियमित रूप से जांचें।
अगर किसी किसान की जानकारी गलत या अधूरी है, तो संबंधित विभाग में जाकर उसे सुधारा जा सकता है। भुगतान रुकने का सबसे बड़ा कारण अपूर्ण ई-केवाईसी और गलत बैंक डिटेल्स ही होते हैं।
किसी-किस प्रकार के किसान इस भुगतान से वंचित रह सकते हैं?
हालांकि अधिकांश पात्र किसानों को PM-KISAN किस्त का लाभ मिलेगा, फिर भी कुछ किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
जिन किसानों की पहचान पूरी तरह से सत्यापित नहीं है उदाहरण के लिए, उनके बैंक खाते और आधार (या अन्य दस्तावेज) के बीच लिंक नहीं बना है। उनकी किस्त पेंडिंग रह सकती है।
कुछ किसानों की भूमि या जमीन रिकॉर्ड अपडेट न होने या गलत होने की वजह से वे पात्रता की जांच में फेल हो सकते हैं। अगर बैंक अकाउंट विवरण गलत हों, या IFSC कोड में त्रुटि हो, तो ट्रांसफर प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
ऐसे किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी ऑनलाइन प्रोफाइल जांचें, KYC पूरी करें, और बैंक-आधार लिंकिंग को सुनिश्चित करें।
PM-KISAN 2019 से अब तक का सफर
PM-KISAN योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में की गई थी। यह योजना शुरुआत में केवल छोटे और सीमांत किसानों के लिए थी, लेकिन बाद में इसे सभी किसानों के लिए विस्तारित कर दिया गया। आज देश के अधिकांश राज्यों में 10 करोड़ से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार ने समय-समय पर सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत किया है। ई-केवाईसी अनिवार्य की गई, आधार-बैंक लिंकिंग को प्राथमिकता दी गई, भूमि रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन पर तेजी लाई गई। इन सभी कदमों की वजह से अब भुगतान और भी ज्यादा पारदर्शी और तेज हो गया है।
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