पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच सियासी तनाव चरम पर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंतिम संस्कार स्थल के चयन को “पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान” करार दिया, जबकि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे “कांग्रेस की ओछी राजनीति” कहा।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन
26 दिसंबर, 2024 को 92 वर्ष की आयु में डॉ. मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। डॉ. सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया था।
राहुल गांधी के आरोप
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थल न चुनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह, जो देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और जिनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाया, उनके साथ न्याय नहीं हुआ। अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की तरह उनके अंतिम संस्कार के लिए सम्मानित स्थल चुना जाना चाहिए था।”
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर “डॉ. सिंह जैसे महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री” का अपमान करने का आरोप लगाया।
भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है।
एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 28, 2024
जेपी नड्डा का पलटवार
राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए उचित स्थान आवंटित किया था, और उनके परिवार को इसकी सूचना भी दी गई थी। इसके बावजूद कांग्रेस झूठ फैला रही है।”
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस कांग्रेस ने डॉ. मनमोहन सिंह को उनके कार्यकाल के दौरान कभी वास्तविक सम्मान नहीं दिया, अब उनके निधन के बाद सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है।”
कांग्रेस के आरोप और बीजेपी का जवाब
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर कराना उनके कद और गरिमा के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा, “उनकी नीतियों ने देश के गरीब और पिछड़े वर्गों को सहारा दिया। वह सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार थे। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि उनके अंतिम संस्कार का स्थान उनकी महानता के अनुरूप हो।”
बीजेपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य केवल झूठी बातें फैलाकर सरकार को बदनाम करना है। डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर छिड़ी यह सियासी बहस पूर्व प्रधानमंत्री की गरिमा और उनके योगदान पर चर्चा के बजाय राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है। देश के लिए उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद करना और राजनीति से ऊपर उठकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना समय की मांग है।
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