भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्य चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी ने चुनावों को सुचारू और पारदर्शी तरीके से संपन्न करने के लिए अलग-अलग राज्यों में वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। यह प्रक्रिया पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक अहम कदम है।
केंद्रीय मंत्रियों को मिली अहम जिम्मेदारी
बीजेपी ने अपने कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को प्रमुख राज्यों की जिम्मेदारी दी है। इन नियुक्तियों से चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने की योजना है।
- गुजरात: केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- कर्नाटक: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को नियुक्त किया गया है।
- उत्तर प्रदेश: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
- बिहार: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को नियुक्त किया गया है।
- मध्य प्रदेश: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राज्यवार चुनाव अधिकारियों की विस्तृत सूची
बीजेपी ने अन्य राज्यों के लिए भी चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की है, ताकि चुनाव प्रक्रिया का संचालन व्यवस्थित और निष्पक्ष तरीके से हो सके।
- आंध्र प्रदेश: पीसी मोहन
- अरुणाचल प्रदेश: सर्बानंद सोनोवाल
- असम: गजेंद्र सिंह शेखावत
- चंडीगढ़: सरदार नरिंदर सिंह रैना
- छत्तीसगढ़: विनोद तावड़े
- दादरा और नगर हवेली-दमन और दीव: डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल
- हरियाणा: भूपेंद्र यादव
- हिमाचल प्रदेश: डॉ. जितेंद्र सिंह
- जम्मू-कश्मीर: संजय भाटिया
- केरल: प्रह्लाद जोशी
- लद्दाख: जयराम ठाकुर
- लक्षद्वीप: पोन. राधाकृष्णन
- मेघालय: जॉर्ज कुरियन
- अंडमान-निकोबार: तमिलिसाई सुंदरराजन
अन्य राज्यों के चुनाव अधिकारी
बीजेपी ने छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए भी अधिकारियों की नियुक्ति की है:
- मिजोरम: वानति श्रीनिवासन
- नागालैंड: वी. मुरलीधरन
- ओडिशा: संजय जायसवाल
- पुडुचेरी: तरुण चुघ
- राजस्थान: विजय रूपाणी
- सिक्किम: किरण रिजिजू
- तमिलनाडु: जी. किशन रेड्डी
- तेलंगाना: कुमारी शोभा करंदलाजे
- त्रिपुरा: जुएल ओराम
चुनाव प्रक्रिया और बीजेपी का संविधान
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से पहले पार्टी को कम से कम 50% राज्यों में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इस प्रक्रिया के तहत राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव भी शामिल है। पार्टी ने 15 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पार्टी यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी स्तरों पर चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। राज्यों के संगठन चुनावों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा, जो पार्टी के नेतृत्व को और अधिक मजबूत और संगठित बनाने में मदद करेगा।
संगठनात्मक मजबूती की दिशा में अहम कदम
बीजेपी का यह कदम पार्टी के संगठन को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में है। विभिन्न राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव अधिकारी पार्टी के आंतरिक चुनावों को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न करेंगे।
चुनाव अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी
इन चुनाव अधिकारियों की जिम्मेदारी न केवल चुनाव प्रक्रिया का संचालन करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो। हर राज्य में पार्टी के सदस्य इन चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर संगठन के नेतृत्व का चुनाव करेंगे।
बीजेपी की तैयारी और आगामी चुनाव
बीजेपी का यह कदम 2024 लोकसभा चुनावों में भारी सफलता के बाद 2025 के विधानसभा और अन्य चुनावों की तैयारी का संकेत है। पार्टी का ध्यान अब संगठन को और अधिक मजबूत बनाने और आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत नेतृत्व स्थापित करने पर है।
यह पूरी प्रक्रिया पार्टी के लिए न केवल एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक पहल है, बल्कि यह पार्टी की आंतरिक लोकतांत्रिक संरचना को भी दर्शाती है।
नए साल में डिजिटल पेमेंट, वॉट्सऐप और अमेजन प्राइम में आए बदलाव, जानें क्या बदला
1 thought on “बीजेपी ने राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन चुनाव के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की”