बीते विधानसभा उपचुनाव में महायुति की प्रचंड जीत हुई है। लेकिन अभी तक महायुति गठबंधन इस बात का निर्णय नहीं कर पाया है कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा। इस रेस में भाजपा और शिवसेना के बीच लगातार खींचतान चल रही है और शिवसेना प्रमुख Eknath Shinde और देवेंद्र फडणवीस दोनों ही सीएम की रेस में दौड़ रहे है। हालांकि कुछ दिनों पहले Eknath Shinde ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए यह साफ किया था कि उन्हें सत्ता का कोई लालच नहीं है और जो भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह करेंगे वह उनको मंजूर है। हालांकि विपक्षियों का यह दावा है कि शिवसेना भाजपा के बीच आंतरिक मतभेद है और दोनों ही सीएम का चेहरा सामने रखने में बहुत देरी कर रहे हैं। आपको बता दे अभी कार्यवाही CM के रूप में Eknath Shinde महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री है। पर क्या आप जानते हैं कि वह कभी एक ऑटो रिक्शा चालक थे। एक ऑटो रिक्शा चालक से सीएम बनने तक का सफर उनका कैसा रहा जानेंगे विस्तार से।
Eknath Shinde : शुरुआती जीवन और शिक्षा
Eknath Shinde का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में 9 फरवरी 1964 को हुआ था। उनका जन्म एक मराठा परिवार में हुआ था। वे मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित ठाणे शहर में चले गए जहां वह बड़े हुए।Eknath Shinde में ठाणे में मंगल हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज में 11वीं की पढ़ाई पूरी करी। जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार को चलाने के लिए जल्द ही स्कूल छोड़ दिया और राजनीति में आने से पहले ऑटो रिक्शा चलाने लगे। फिर एकनाथ शिंदे ने 2014 में अपने पढ़ाई दोबारा से शुरू की और 2020 में उन्हें यशवंत राव चौहान महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय से कला की स्नातक डिग्री हासिल की।
Eknath Shinde : राजनीति में एंट्री
हिंदुत्व की विचारधारा से प्रभावित होकर स्नातक की डिग्री प्राप्त होने के बाद Eknath Shinde ने राज्य में उभर रही शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया। शुरुआत में Eknath Shinde ने वागले स्टेट क्षेत्र में शिवसेना के आंदोलन का नेतृत्व किया, जहां उन्हें एक प्रमुख श्रमिक नेता के रूप में काम करने का मौका मिला।1984 में उन्हें थाने में शाखा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। 2001 में जब आनंद दिघे की मृत्यु हो गई उसके बाद एकनाथ शिंदे उनके विरासत के उत्तराधिकारी के रूप में निखरे। जब स्थानीय रूप से वह अच्छे नेता के रूप में उभरे उसके साथ विधानसभा के लिए उनका मार्ग खुलता गय। फिर 2004 में उन्हें पहली बार विधानसभा के लिए चुना गया जिसके बाद शिवसेना का ठाणे जिला प्रमुख नियुक्त किया गया। फिर 2009 , 2014 और 2019 में भी विधानसभा के लिए चुने गए राजनीतिक कैरियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। जिसके साथ उनकी धीरे-धीरे लोकप्रियता भी बढ़ती गई और 2019 के अंत में उन्होंने शहरी विकास और सार्वजनिक कार्य मंत्री और गृह मामलों के कार्यवाहक मंत्री के रूप में जनता की सेवा की।
Eknath Shinde : कैसे बने मुख्यमंत्री…
जून 2022 में जब Eknath Shinde और उनके कई विधायक गुजरात के सूरत में चले गए थे उसके बाद राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। जिसके परिणाम स्वरुप उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और Eknath Shinde ने भाजपा के साथ मिलकर एक नई सरकार बनाने में सफलता हासिल की। फिर जून 2022 में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उसे समय भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने थे।
फिर 4 फरवरी 2024 को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह फैसला सुना दिया कि Eknath Shinde का अंगूठी असली शिवसेना राजनीतिक पार्टी ह। इसके बाद उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना 2024 के लोकसभा चुनाव में केवल 7 सीट ही जीत पाई।
विधानसभा चुनाव 2024
फिर Eknath Shinde को 20 नवंबर को थाने में अपने घर कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका मिला। और उनका मुकाबला शिवसेना बेटी के उम्मीदवार श्री शिंदे के गुरु स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे से हुआ था। पर उन्होंने विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार को हराया और अपनी सीट पर जीत हासिल की। और Eknath Shinde की पार्टी का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा कहीं ना कहीं उसी के कारण शिवसेना समर्थक यह कह रहे हैं कि इस बार महायुति में एकनाथ शिंदे के चेहरे की वजह से यह चुनाव जीता है और उन्हें ही महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
निजी जीवन
Eknath Shinde की पत्नी का नाम लता शिंदे है।वही उनके बेटे का नाम श्रीकांत शिंदे है जो एक ऑर्थोपेडिक सर्जन है साथ ही 2014 से वह कल्याण निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में भी कार्यरत है ।
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