महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और शुरूआती रुझान आने भी शुरू हो ही गए है। ऐसे में झारखंड में कांटे की टक्कर दिख रही है तो वही महाराष्ट्र में BJP सरकार बनाती हुई नजर आ रही है।
महाराष्ट्र के चुनाव के अगर रुझान देखे जाएं तो अधिकतर पोल में BJP के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन और महायुती सरकार बनाती हुई नजर आ रही है।
बीते दिनों में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने 48 सीटों में से 30 सीटों पर जीत हासिल की थी वही महयुति को 17 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन विधानसभा चुनाव में शुरुआती संकेत कुछ अलग ही कह रहे हैं।
महाराष्ट्र का चुनाव कितना अहम ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कितना अहम है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, की मुंबई देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है और जिसकी सरकार महाराष्ट्र में बनेगी उसका आर्थिक राजधानी पर पूरा कंट्रोल होगा ।कांग्रेस अगर यहां चुनाव हारती है तो लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा के अलावा ये दूसरी सबसे बड़ी हार मानी जाएगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कांग्रेस और BJP दोनों के लिए ही बहुत अहम है लेकिन इसके अलावा इतना ही शिवसेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि शिवसेना और एनसीपी दोनों दो भागों में बट चुकी है ऐसे में जिनकी जीत होगी, उसकी ही असली दावेदारी मजबूत होगी शिवसेना और एनसीपी पर।
आपको तो याद ही होगा कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान BJP 240 सीटे ही हासिल कर पाई थी हालांकि यह पिछली बार के लोकसभा चुनाव से कम है, फिर भी उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। पार्टी विश्लेषकों का मानना है कि इस परिणाम को BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़े झटके की तरह देखा गया था।क्योंकि इसकी वजह से एनडीए के घटक दलों का महत्व काफी बढ़ गया था और शायद आत्मविश्वास भी अपने चरण पर था हालांकि महाराष्ट्र के जो रुझान है ,विश्वास को थोड़ा दबाने में सक्षम है।
एनडीए के भीतर BJP का बढ़ेगा दबदबा
साल 2014 और 2019 में BJP ने अपने दम पर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ लेकिन फिर भी जैसे-जैसे BJP सरकार में आई । और ऐसा माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कम हो रही है। पर अब जिस तरह से भाजपा ने हरियाणा में जम्मू कश्मीर में जीत दर्ज की इसके बाद अगर झारखंड और महाराष्ट्र में भी BJP सरकार बनती है तो यह कहना मुश्किल होगा कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कम हुई है।
ऐसे में अगर BJP ने महाराष्ट्र और झारखंड में भी अच्छा प्रदर्शन किया तो ऐसा मानना है कि NDA के भीतर भाजपा का दबदबा बढ़ जाएगा। इसमें सहयोगी पार्टियों का दखल कमजोर होता हुआ दिखेगा। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और BJP यहां भी नितेश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक डील कर सकती है ।
मोदी, BJP , या हिंदुत्व की राजनीति की जीत?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के “दौरान बटेंगे तो कटेंगे”, “एक है तो सेफ है” जैसे नारे खूब उछले जिन पर बहुत सारा विवाद भी हुआ , खूब चर्चा हुई और यह चर्चा बहुत खास भी रही।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस को महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान खूब इस्तेमाल किया। जब “बटेंगे तो कटेंगे” के नारे पर विवाद होना शुरू हुआ तब प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौरान “एक है तो सेफ है” का नारा शुरू किया और इस नारे को भी हिंदू समुदाय को एकजुट करने के लिए लिहाज से देखा गया।
अब अगर BJP की जीत होती है तो इसे हिंदुत्व की जीत के रूप में देखा जाएगा और इस पर जाहिर है कि सियासी मुद्दा गरम होगा।
वही महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम के जो रुझान आ रहे हैं वह इस बात को साबित कर रहे हैं कि भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति किस दिशा में जा रही है।
अगर महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में BJP ने अपनी सरकार बना ली तो इससे यह साफ हो जाएगा कि हिंदू समुदाय ने एक साथ BJP के पक्ष में वोटिंग की है।
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