Om Prakash Chautala का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम स्थित अपने घर पर शुक्रवार को अंतिम सांस ली। वह हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक एक बड़ा नाम रहे। उनके पिता चौधरी देवी लाल भी हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके थे। राजनीति के साथ-साथ ओम प्रकाश चौटाला का जीवन कई दिलचस्प घटनाओं से भरा हुआ है, लेकिन इनमें सबसे खास और प्रेरणादायक कहानी है उनका 82बयासी साल की उम्र में 10वीं कक्षा पास करना। आइये जानेंगे उनकी राजनीतिक और शैक्षिक जीवन के बारे में।
Om Prakash Chautala: शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी करार दिया गया
Om Prakash Chautala को साल 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी करार गया था। उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा गया, जहां उन्होंने अपनी सजा पूरी करने क साथ पढ़ाई करने का निर्णय लिया। 82 साल की उम्र में उन्होंने 10वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू की और 2017 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से परीक्षा दी।
Om Prakash Chautala ने तिहाड़ जेल के सेंट्रल जेल नंबर 7 में बने अध्ययन केंद्र में अपना दाखिला कराया। वहां उन्होंने सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और Technology, हिंदी, भारतीय संस्कृति और business Studies जैसे विषयो का चयन किया। उन्होंने पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाई की और अप्रैल 2017 में परीक्षा दी। इस परीक्षा में उन्होंने 53.40% हासिल किये।
इनकी कहानी के ऊपर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है
आपको बता दे Om Prakash Chautala पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी हैं। ओम प्रकाश चौटाला की इस कहानी ने बॉलीवुड का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और उनकी जीवन शैली पर ‘दसवीं’ नाम की फिल्म भी बनाई गयी। जिसमें अभिनेता अभिषेक बच्चन ने चौटाला का किरदार निभाया। इस फिल्म में दिखाया गया कि जेल में रहते हुए भी एक इंसान पढ़ाई करके अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ दे सकता है।
Om Prakash Chautala की सजा और घोटाला
Om Prakash Chautala को सन 2000 में हरियाणा में 3206 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। जिसपे कार्यवाही करते हुए 2013 में उन्हें अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, उन्होंने अपनी सजा काटते हुए पढ़ाई का फैसला लिया, जो उनके जीवन का एक प्रेरणादायक हिस्सा साबित हुआ।
ओम प्रकाश जीवन से मिली सीख
Om Prakash Chautala का 82बयासी साल की उम्र में पढ़ाई करना ये साबित करता है कि सीखने और आगे बढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। उनका जीवन यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी इंसान अगर मेहनत करे तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी इस कहानी ने कई लोगों को प्रेरित किया और यह हमेशा याद रखी जाएगी।
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