52 साल की Priyanka Gandhi वाड्रा और कांग्रेस की उम्मीदवार ने अपने चुनावी डेब्यू में ही शानदार प्रदर्शन से आगाज किया। आपको बता दे उन्होंने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। वहीं राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी ने यही से चुनावी डेब्यू का निर्णय किया।और चुनावी मैदान में उतरी और उनको इसमें बड़ी सफलता भी हासिल हुई। उन्होंने 4,10,931 वोटो से जीत हासिल की।
Priyanka Gandhi आज संसद सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी
Priyanka Gandhi ने इस बार उपचुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया और बड़ी सफलता भी उनके हाथों लागी। आज संसद के सदस्य के रूप में प्रियंका गांधी शपथ ग्रहण करेंगी। जब Priyanka Gandhi गोपनीयता और पद की शपथ ले रही होंगी तब उनकी माता सोनिया गांधी और उनके भाई राहुल गांधी बतौर सांसद के रूप में वहां उपस्थित। होंगे शपथ ग्रहण के बाद Priyanka Gandhi भी सभी नेताओं के साथ वहां सांसद के रूप में शामिल हो जाएंगी।आपको बता दें कि गांधी परिवार का एक न एक सदस्य संसद के किसी न किसी सदन का सदस्य जरूर है।
वायनाड में किया शानदार प्रदर्शन
राहुल गांधी के वायनाड सीट को छोड़ने के बाद बहन Priyanka Gandhi ने इस सीट से चुनावी रण में उतरने का फैसला किय। Priyanka Gandhi ने लोकसभा उपचुनाव में खुद का राजनीतिक अनुभव करीब साढ़े तीन दशक का बताया और पहली बार चुनावी राजनीति में दाखिल है।Priyanka Gandhi ने सत्यन मोकेरी को चार लाख से अधिक वोट से हराया।
कैसा रहा प्रारंभिक जीवन
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को नई दिल्ली में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा की शुरुआत देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से हुई और 1984 में जब इंदिरा गांधी की मौत हुई तब उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी और सुरक्षा कारणों से दिल्ली के ही कन्वेंट आफ जीसस एंड मैरी स्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की। प्रियंका गांधी ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1997 में प्रियंका गांधी ने दिल्ली के बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से शादी की। 12 साल की दोस्ती को उन्होंने शादी में बदल दिया और अब Priyanka Gandhi और रॉबर्ट वाड्रा के दो बच्चे हैं जिनका नाम है रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा।
Priyanka Gandhi का राजनीतिक करियर
Priyanka Gandhi का राजनीतिक कैरियर बहुत देर में शुरू हुआ है या यूं कहे की सक्रिय राजनीतिक कैरियर में उन्होंने काफी देर से कदम रखा है। 2004 के लोकसभा चुनाव में पहली बार Priyanka Gandhi ने कुछ राजनीतिक प्रक्रिया की थी जिसमें वह अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियान में प्रबंधक थी और राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में भी सहयोगी थी। उसके बाद उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के लिए चुनाव प्रचार करना शुरू किया।
23 जनवरी 2019 को Priyanka Gandhi ने औपचारिकता से राजनीति में कदम रखा। जब वह पार्टी की महासचिव बनी और साथ ही उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी। इसके बाद 11 सितंबर 2020 को उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया। एक सक्रिय राजनीति में न होने के बावजूद भी Priyanka Gandhi ने कांग्रेस पार्टी को अमेठी और रायबरेली में मजबूत किया जिससे कांग्रेस को काफी फायदा भी मिला।
फिर 2022 उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जब हुआ तो कांग्रेस ने Priyanka Gandhi के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा। प्रियंका गांधी यूपी की उपचुनाव में 40% टिकट महिलाओं को देकर सुर्खियों में आई। इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का स्लोगन दिया, जिससे शुरुआत से महिला सशक्ति पर जोर देने का नारा माना गया। हालांकि इन सब प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर ही सिमट कर रहना पड़ा।
फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने Priyanka Gandhi के वायनाड से चुनाव लड़ने का ऐलान 17 जून 2024 को किया।
ऐसे ही कई छोटे छोटे कदम आगे बढ़ते हुए Priyanka Gandhi ने अब सक्रिय राजनीति में कदम रख लिया है और वह आज गोपनीयता और संसद सदस्य के रूप में शपथ लेंगी।
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