
Poonam Pandey Mandodari role: हिंदू संगठनों का विरोध – पूनम पांडे निभाएंगी रावण की पत्नी मंदोदरी!
Poonam Pandey Mandodari role: दिल्ली की मशहूर लवकुश रामलीला इस बार एक नए विवाद की वजह से सुर्खियों में है। हर साल लालकिला मैदान में भव्य तरीके से आयोजित होने वाली इस रामलीला को देशभर में पहचान मिली हुई है। लेकिन इस बार चर्चा न तो रावण की होगी और न ही भगवान श्रीराम की, बल्कि सुर्खियों में हैं फिल्म अभिनेत्री पूनम पांडे।
दरअसल, इस साल पूनम पांडे रावण की पत्नी मंदोदरी का किरदार निभाने वाली हैं। जैसे ही यह खबर सामने आई, हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि रामलीला भारतीय संस्कृति, परंपरा और मर्यादा का प्रतीक है। इसमें ग्लैमर या विवादित हस्तियों की जगह नहीं हो सकती।
हिंदू संगठनों की नाराज़गी
इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने सबसे पहले इस पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि रामलीला का मंचन भारतीय समाज और संस्कृति का दर्पण है। यहां धार्मिक पात्रों का अभिनय करते समय मर्यादा और गंभीरता बरतनी चाहिए।
उनके अनुसार, पूनम पांडे अक्सर अपने बोल्ड अंदाज़ और विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहती रही हैं। ऐसे में उन्हें मंदोदरी जैसे महत्वपूर्ण और सम्मानित किरदार में मंच पर देखना अनुचित है। सुरेंद्र गुप्ता ने लवकुश रामलीला कमेटी को एक पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग भी की है।
रामलीला कमेटी का पक्ष
वहीं, जब इस विवाद पर लवकुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने बिल्कुल अलग दृष्टिकोण सामने रखा। उनका कहना है कि हमारी कोशिश है कि समाज को एक नया संदेश दिया जाए।
उन्होंने कहा – “हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। मंदोदरी का किरदार ऐसा है, जो हमेशा रावण को बुराई से रोकने का प्रयास करता है। अगर पूनम पांडे इस भूमिका को निभाती हैं, तो इसका असर उनके जीवन और उनके फॉलोअर्स पर सकारात्मक पड़ेगा।”
अर्जुन कुमार ने यह भी कहा कि बदलाव ज़रूरी है और समाज को यह समझना चाहिए कि मंच पर कोई भी किरदार निभाने से कलाकार का जीवन बदल सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा – “जो लोग कभी डाकू रहे, वे आज सांसद बने। कई लोग जिनका अतीत विवादित रहा है, आज समाज में सम्मानित स्थान रखते हैं।”
इस बार की रामलीला में क्या खास?
22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चलने वाली इस रामलीला में कई फिल्मी हस्तियां अलग-अलग भूमिकाओं में नज़र आएंगी। इस बार अभिनेता आर्य बब्बर रावण का किरदार निभाएंगे, जबकि उनकी पत्नी मंदोदरी के रूप में पूनम पांडे मंच पर आएंगी।
हर साल की तरह इस बार भी रामलीला का मंचन भव्य सेट, लाइट्स और तकनीक से लैस होगा। लालकिला मैदान में लाखों दर्शक इस धार्मिक आयोजन को देखने आते हैं।
विवाद क्यों गहराया?
पूनम पांडे का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में ग्लैमर और विवाद की छवि उभरती है। सोशल मीडिया पर वह अक्सर अपनी तस्वीरों और बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। शायद यही वजह है कि हिंदू संगठनों का मानना है कि उनकी छवि मंदोदरी जैसे गंभीर और आदर्श चरित्र के साथ मेल नहीं खाती।
दूसरी ओर, रामलीला कमेटी का मानना है कि समाज को खुले नज़रिये से देखना चाहिए और यह ज़रूरी नहीं कि कलाकार की पुरानी छवि ही उनकी पहचान तय करे।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नज़र इस बात पर टिकी है कि आने वाले दिनों में लवकुश रामलीला कमेटी अपने फैसले पर अडिग रहती है या फिर हिंदू संगठनों के दबाव में बदलाव करती है।
22 सितंबर से रामलीला शुरू होनी है, ऐसे में विवाद और भी गरमाने की संभावना है। दर्शकों में भी इसको लेकर उत्सुकता है कि क्या पूनम पांडे सचमुच मंदोदरी का किरदार निभाएंगी या फिर आखिरी वक्त पर कोई नया ऐलान होगा।
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