
प्रयागराज महाकुंभ
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर अपनी आत्मा की शुद्धि कर रहे हैं, वहीं कुंभ क्षेत्र में कई परिवारों ने नई खुशियों का स्वागत भी किया है। महाकुंभ में अब तक 11 बच्चों का सफलतापूर्वक जन्म हो चुका है। ये सभी डिलीवरी प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में कराई गई हैं।
पहली डिलीवरी से लेकर अब तक का सफर
महाकुंभ की पहली डिलीवरी 29 दिसंबर को हुई थी जब 20 वर्षीय सोनम ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। खास बात यह रही कि सोनम और उनके पति राजा ने अपने बेटे का नाम ‘कुंभ’ रखा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने इस नवजात के परिवार को बधाई भी दी थी।
मध्य प्रदेश से आईं ज्योति ने भी दिया बच्ची को जन्म
ग्वालियर, मध्य प्रदेश की रहने वाली 24 वर्षीय ज्योति ने 27 जनवरी को एक प्यारी बच्ची को जन्म दिया। उनका परिवार 22 जनवरी को कुंभ मेले में आया था और लंबे समय तक यहां रुकने की योजना बना रहा था। लेबर पेन शुरू होने पर ज्योति को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई गई।
अन्य राज्यों से भी पहुंचे लोग
सेंट्रल हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि अब तक सभी डिलीवरी सामान्य रहीं। जिन बच्चों का जन्म हुआ उनके परिवार उत्तर प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और जौनपुर जिलों से थे। इसके अलावा झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से भी लोग कुंभ मेले में पहुंचे थे।
स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी उपलब्धि
कुंभ क्षेत्र में अब तक कुल 64,000 लोगों का इलाज किया जा चुका है। अस्पताल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि हर मरीज को सही समय पर आवश्यक चिकित्सा सेवाएं दी जाएं।
महाकुंभ बना नई उम्मीद का प्रतीक
आस्था, भक्ति और संस्कृति के प्रतीक इस महाकुंभ में नए जीवन का आगमन इस बात का प्रमाण है कि कुंभ न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि मानवता और जीवन के उत्सव का भी प्रतीक है। स्थानीय प्रशासन और चिकित्सा दल की सक्रियता ने इस उपलब्धि को संभव बनाया है।
महाकुंभ में जहां श्रद्धालु स्नान कर मोक्ष की कामना कर रहे हैं, वहीं इन नवजात शिशुओं की किलकारियां यहां जीवन के नए आरंभ का संदेश दे रही हैं।
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