Aarambh News

Putin visit to India: 2025 में होने वाली संभावित यात्रा और भारत-रूस संबंधों की नई दिशा

Putin visit to India: 2025 में होने वाली संभावित यात्रा और भारत-रूस संबंधों की नई दिशा

Putin visit to India: 2025 में होने वाली संभावित यात्रा और भारत-रूस संबंधों की नई दिशा

FacebookTelegramWhatsAppXGmailShare

Putin visit to India: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की संभावना 2025 की शुरुआत में बन रही है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से निमंत्रित किया है। क्रेमलिन के सहायक यूरी उशाकोव ने इस बात की पुष्टि की है कि पुतिन का यह दौरा भारत और रूस के बीच मजबूत और प्रगाढ़ रिश्तों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह बैठक भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्षिक शिखर वार्ता का हिस्सा होगी। इस लेख में हम पुतिन के प्रस्तावित भारत दौरे के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, साथ ही इस यात्रा के महत्व को भी समझेंगे।

Putin India Tour: संभावित तिथियां और यात्रा का उद्देश्य

क्रेमलिन के सहायक यूरी उशाकोव ने हाल ही में मीडिया को जानकारी दी कि पुतिन का भारत दौरा 2025 के शुरुआती महीनों में हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमारे नेताओं के बीच हर साल एक बैठक का समझौता है, और इस बार यह बैठक भारत में होगी। हमें श्री मोदी का निमंत्रण प्राप्त हुआ है और हम इसे सकारात्मक रूप से देख रहे हैं।”

यह दौरा रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद पुतिन की भारत की पहली यात्रा होगी। भारत ने हमेशा ही रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की अपील की है और कूटनीतिक रास्ते से संघर्ष सुलझाने की कोशिशों का समर्थन किया है। पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने का एक अवसर होगा, खासकर रक्षा, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में।

भारत-रूस के मजबूत संबंधों का प्रतीक

भारत और रूस के संबंध कई दशकों पुराने और गहरे हैं। ये दोनों देशों के बीच न केवल व्यापारिक साझेदारी, बल्कि रणनीतिक सहयोग भी है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के व्यक्तिगत संबंध भी बेहद मजबूत हैं। दोनों नेता नियमित रूप से संवाद करते हैं और एक दूसरे से व्यक्तिगत मुलाकातें भी करते हैं।

2023 में दोनों नेताओं की दो महत्वपूर्ण मुलाकातें हुईं। जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने मास्को का दौरा किया और वहां रूस-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह यात्रा मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद उनका पहला द्विपक्षीय दौरा था। इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपॉस्टल” प्रदान किया, जो भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए था।

मास्को यात्रा की खास बातें

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मित्रता और उनके बीच व्यक्तिगत संबंधों का प्रभाव उनकी मुलाकातों पर साफ देखा जाता है। मोदी के मास्को दौरे के दौरान पुतिन ने उन्हें एक विशेष इलेक्ट्रिक कार में यात्रा कराई, जो उन्होंने खासतौर पर मोदी के लिए तैयार की थी। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने रोसाटॉम पवेलियन का दौरा भी किया, जहां एक अनौपचारिक बैठक हुई।

यह दौरा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की सुदृढ़ता और व्यक्तिगत विश्वास की भी एक मजबूत मिसाल बन गया।

ब्रिक्स सम्मेलन में भागीदारी और वैश्विक कूटनीति

प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2023 में रूस के कजान शहर का दौरा किया, जहां उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में रूस और भारत के रिश्तों पर गहन चर्चा हुई, और दोनों देशों के नेताओं ने आपसी सहयोग को बढ़ाने के कई रास्ते सुझाए। पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान पुतिन और रूसी जनता के आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया और इस यात्रा के बाद अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और इसके बाद की मुलाकातों से यह स्पष्ट होता है कि भारत और रूस के रिश्ते केवल द्विपक्षीय मामलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये वैश्विक कूटनीति, आर्थिक साझेदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं।

भारत-रूस संबंधों की दिशा: रक्षा, ऊर्जा और व्यापार

भारत और रूस के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में गहरे संबंध हैं। रूस भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता रहा है, और दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर सैन्य सहयोग भी है। इसके अलावा, रूस से भारत को ऊर्जा आपूर्ति भी महत्वपूर्ण है, विशेषकर गैस और तेल के क्षेत्र में।

यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने हमेशा एक तटस्थ रुख अपनाया और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया। पुतिन का आगामी भारत दौरा दोनों देशों के इस दृष्टिकोण को और भी सशक्त करेगा, साथ ही रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में नए समझौते भी हो सकते हैं।

पुतिन-मोदी की मित्रता का असर: वैश्विक कूटनीति पर प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मित्रता का प्रभाव न केवल द्विपक्षीय रिश्तों पर पड़ा है, बल्कि यह वैश्विक कूटनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। दोनों नेताओं के बीच पारस्परिक विश्वास और सहयोग ने भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

पुतिन का भारत दौरा केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्व रखता है। खासकर वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, जहां रूस और भारत दोनों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में और मजबूती आएगी।

यह भी पढ़े: Raj Kundra ED Raid: शिल्पा शेट्टी का नाम घसीटे जाने पर प्रतिक्रिया, मीडिया पर कड़ी आपत्ति

Exit mobile version