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Ola कैब में महिलाओं के लिए सुरक्षा पर सवाल: जनपक्ट की सीनियर मैनेजर ने साझा किया दर्दनाक अनुभव

Ola कैब में महिलाओं के लिए सुरक्षा पर सवाल: जनपक्ट की सीनियर मैनेजर ने साझा किया दर्दनाक अनुभव

Ola कैब में महिलाओं के लिए सुरक्षा पर सवाल: जनपक्ट की सीनियर मैनेजर ने साझा किया दर्दनाक अनुभव

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में, महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन एक आवश्यक आवश्यकता बन चुका है। ऑनलाइन कैब सेवा कंपनियाँ, जैसे कि Ola, महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन चुकी हैं। लेकिन क्या इन सेवा प्रदाताओं द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को पर्याप्त रूप से सुनिश्चित किया जा रहा है? हाल ही में एक घटना ने इस सवाल को खड़ा कर दिया है, जब Genpact की सीनियर मैनेजर शाज़िया ने Ola कैब में एक खौ़नाक अनुभव साझा किया। इस घटना ने न केवल Ola की सुरक्षा प्रणालियों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षित यात्रा की आवश्यकता को भी उजागर किया है।

क्या हुआ था शाज़िया के साथ?

20 दिसंबर 2024 को शाज़िया ने ओला कैब बुक की थी, जो उन्हें गुड़गांव से लेकर जा रही थी। यात्रा के दौरान, जैसे ही कैब ने टोल पार किया, ड्राइवर ने अचानक गाड़ी की गति कम कर दी। शाज़िया ने जब ड्राइवर से इसके बारे में पूछा, तो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस दौरान, शाज़िया ने देखा कि दो आदमी इशारा कर रहे थे और ड्राइवर से गाड़ी रोकने का संकेत दे रहे थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि ड्राइवर ने उनकी बात मानी और गाड़ी को रोक दिया।

इस घटना के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब और दो आदमी बाइकों पर आए, जिससे कुल पांच लोग हो गए, जिसमें ड्राइवर भी शामिल था। शाज़िया ने महसूस किया कि स्थिति असुरक्षित हो सकती है और वह डर से घिर गई। इस डर को और बढ़ाने वाली बात यह थी कि ड्राइवर ने अपने भुगतान के संबंध में एक टिप्पणी की: “मेरी क़िस्त पेंडिंग है”। यह टिप्पणी शाज़िया के लिए और भी डरावनी थी, क्योंकि इससे उसे यह एहसास हुआ कि ड्राइवर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में जा सकता है।

महिलाओं के लिए सुरक्षा की अहमियत

शाज़िया की इस भयावह घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में गंभीर सवाल उठाए हैं। ओला जैसी राइड-हेलिंग कंपनियों पर यह जिम्मेदारी है कि वे महिलाओं को सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करें। हालांकि शाज़िया ने ऐप के माध्यम से सहायता प्राप्त करने की कोशिश की और शिकायत दर्ज की, लेकिन उसे पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिली। यही नहीं, ओला जैसी कंपनियों की धीमी प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और अधिक गंभीर बना दिया है।

किसी महिला को इस तरह के खतरनाक अनुभव से गुजरना, जहां वह किसी अजनबी के साथ अकेले यात्रा कर रही हो, उसके लिए मानसिक और शारीरिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत तनावपूर्ण हो सकता है। महिलाओं को इस तरह के खतरों से बचाने के लिए राइड-हेलिंग सेवाओं को सख्त सुरक्षा नियमों और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली की आवश्यकता है। शाज़िया की तरह अन्य महिलाओं को इस प्रकार के अनुभव से गुजरने से बचाने के लिए, कंपनियों को अपनी सुरक्षा प्रणालियों में सुधार करना होगा।

Ola और अन्य राइड-हेलिंग कंपनियों के लिए सुझाव

  1. सख्त ड्राइवर बैकग्राउंड चेक: ओला और अन्य राइड-हेलिंग कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके सभी ड्राइवरों का पूरी तरह से बैकग्राउंड चेक किया जाए। इसके साथ ही, ड्राइवरों की मानसिक स्थिति और उनके व्यवहार की भी जांच होनी चाहिए। यदि कोई ड्राइवर शराब के प्रभाव में है या मानसिक रूप से अस्थिर है, तो उसे गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  2. आपातकालीन सहायता प्रणाली: कंपनियों को आपातकालीन स्थिति में महिला यात्रियों के लिए त्वरित सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। ऐप के माध्यम से एक ऐसे बटन की सुविधा होनी चाहिए, जिससे महिला यात्री को तत्काल मदद मिल सके, साथ ही इसकी सूचना पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को तुरंत दी जा सके।
  3. सीसीटीवी कैमरा और ट्रैकिंग प्रणाली: हर कैब में सीसीटीवी कैमरे और लाइव ट्रैकिंग प्रणाली का होना जरूरी है, ताकि महिला यात्रियों को हर स्थिति में सुरक्षा का एहसास हो। इससे यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसका रिकॉर्ड और घटनास्थल की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध हो सकेगी।
  4. प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड: कंपनियों को ड्राइवरों को नियमित रूप से सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रशिक्षण देने की जरूरत है। इसके साथ ही, किसी भी दुर्घटना या असुरक्षित स्थिति का सामना करने के लिए उन्हें सही दिशा-निर्देश दिए जाएं।

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