केंद्रीय रेल राज्य मंत्री Ravneet Singh Bittu अपने विवादास्पद बयान के चलते कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘देश का नंबर 1 आतंकवादी’ बताया, जिसके बाद उनके खिलाफ बेंगलुरु, कर्नाटक में एफआईआर दर्ज की गई है।
Ravneet Singh Bittu के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और यह मामला अब एक बड़ा राजनीतिक और कानूनी विवाद बन चुका है। यह बयान राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत में सिखों की स्थिति पर दिए गए बयान के जवाब में आया था।
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Toggleघटना की पृष्ठभूमि
Ravneet Singh Bittu, जो कांग्रेस के तीन बार सांसद रह चुके हैं, ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया था। कांग्रेस से भाजपा में उनका यह परिवर्तन बड़े राजनीतिक कदम के रूप में देखा गया था, क्योंकि वे कांग्रेस के पुराने और वफादार नेता रहे हैं। भाजपा को ज्वाइन करने के बाद से Ravneet Singh Bittu का सिर्फ पार्टी सिंबल ही नहीं बदला है बल्कि उनके बोल भी बदल गए हैं।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बिट्टू ने एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा और उनके अमेरिका में सिक्खो के सम्बन्ध में दिए गए उनके बयान को ‘भारत की छवि को धूमिल करने वाला’ कहा। बिट्टू ने यहां तक कहा कि अगर ‘बम बनाने वाले लोग’ राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं, तो वे देश के ‘नंबर 1 आतंकवादी’ हैं। यह बात Ravneet Singh Bittu ने लगभग 14 साल कांग्रेस में राहुल गाँधी के साथ काम करने के बाद कही है । गौरतलब है Ravneet Singh Bittu ने इस मार्च में ही बीजेपी ज्वाइन की है।
Ravneet Singh Bittu के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Ravneet Singh Bittu के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध जताया। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के एक सदस्य ने बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर बिट्टू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। उनके खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है:
- धारा 353(2): झूठी जानकारी, अफवाह या खतरनाक खबरें प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए।
- धारा 192: जानबूझकर उकसाने के लिए, जिससे दंगा हो या ना हो।
- धारा 196: धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना।
पुलिस के अनुसार, यह एफआईआर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई, जिसमें बिट्टू के बयान को न केवल अपमानजनक बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरनाक बताया गया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बिट्टू ने ये बयान जानबूझ कर सामुदायिक असंतोष फैलाने और विभिन्न समूहों के बीच नफरत पैदा करने के इरादे से दिए गए थे।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के नेताओं ने Ravneet Singh Bittu के बयान की निंदा की और इसे ‘गैर जिम्मेदाराना’ और ‘बेसिर-पैर का’ बताया। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस मामले पर कहा, “बिट्टू का बयान न केवल राहुल गांधी पर हमला है, बल्कि हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है। ऐसे बयान केवल यह दिखाते हैं कि भाजपा नेता राजनीतिक लाभ के लिए कितनी नीचता पर उतर सकते हैं।”
कांग्रेस ने यह भी याद दिलाया कि बिट्टू कभी कांग्रेस के सदस्य थे और राहुल गांधी के प्रबल समर्थक थे। भाजपा में उनके जाने और राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी ने उनकी राजनीतिक मंशाओं और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Ravneet Singh Bittu के लिए कानूनी परिणाम
Ravneet Singh Bittu के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है, और देखना यह होगा कि यह मामला कैसे आगे बढ़ता है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2), 192 और 196 के तहत लगाए गए आरोप गंभीर हैं, और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो बिट्टू को अपने बयान के लिए कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर धारा 196, जो विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने और सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है, इस मामले में बेहद अहम है।
राजनीतिक प्रभाव
यह विवाद उस समय सामने आया है जब कांग्रेस और भाजपा दोनों 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हैं। यह घटना राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर कर्नाटक में, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर चल रही है। Ravneet Singh Bittu के बयान से राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो सकता है, और दोनों पार्टियां इस घटना का अपने-अपने पक्ष में फायदा उठाने की कोशिश करेंगी।
भाजपा के लिए, Ravneet Singh Bittu का यह बयान कांग्रेस को घेरने का एक और मौका हो सकता है, जबकि कांग्रेस इस घटना को भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के उदाहरण के रूप में पेश कर सकती है।
राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए ‘नंबर 1 आतंकवादी’ वाले बयान के लिए केंद्रीय मंत्री Ravneet Singh Bittu के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर तूल पकड़ रहा है। इसके राजनीतिक परिदृश्य पर असर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, खासकर 2024 के चुनावी माहौल में, जब कांग्रेस और भाजपा के बीच सत्ता के लिए संघर्ष अपने चरम पर है।
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