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उत्तर प्रदेश सरकार ने किरायेदारी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रेंट एग्रीमेंट की पंजीकरण प्रक्रिया को अनिवार्य और सरल बना दिया है।
Rent Agreements:उत्तर प्रदेश सरकार ने किरायेदारी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रेंट एग्रीमेंट की पंजीकरण प्रक्रिया को अनिवार्य और सरल बना दिया है। इस पहल का उद्देश्य मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच पारदर्शिता बढ़ाना, कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करना और विवादों की संभावना को कम करना है।
Rent Agreements का महत्व
चलिए जानते हैं इस पूरे एग्रीमेंट के बारे में रेंट एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज है जो मकान मालिक और किरायेदार के बीच की शर्तों होती है इसमें मकान मालिक अपने नियमों को किराएदार को बताता है जैसे राशि,अवधि और भी अपने नियमों के बारे में बताते हैं। इसकी पंजीकरण से यह सुनिश्चित होता है कि दोनों पक्षों के अधिकार और कर्तव्य कानूनी रूप से मान्य हैं।
Rent Agreements:नई ऑनलाइन प्रक्रिया
चलिए अब जानते हैं नई ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में।स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित कर रहा है, जिसमें रेंट एग्रीमेंट का एक प्रोफॉर्मा उपलब्ध होगा। मकान मालिक और किरायेदार इस प्रोफॉर्मा को भरकर आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं, वही जिससे रेंट एग्रीमेंट का ऑनलाइन पंजीकरण संभव होगा। फीस का भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा।
Rent Agreements:फीस में कमी
बता दे कि वर्तमान में रेंट एग्रीमेंट पर 2% स्टांप शुल्क लगता है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, इस फीस को घटाकर 1% से 1.5% तक किया जा सकता है, जिससे मकान मालिक और किरायेदारों पर भार कम होगा।
पंजीकरण का कानूनी महत्व
वही बता दा की पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 के अनुसार, 11 महीने से अधिक की अवधि के लिए किए गए रेंट एग्रीमेंट का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकृत एग्रीमेंट कानूनी साक्ष्य के रूप में कार्य करता है और विवाद की स्थिति में अदालत में मान्य होता है। इसके विपरीत, अपंजीकृत एग्रीमेंट कानूनी मान्यता नहीं रखते और विवाद की स्थिति में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं होते।
महिलाओं को बड़ा तोहफा
संपत्ति में महिलाओं का अधिकार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। एक करोड़ रुपये तक की प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री महिला के नाम करने पर एक फीसदी स्टाम्प छूट मिलेगी। यह सीमा अभी 10 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी पर है। जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
बिल्डर-बायर एग्रीमेंट पर नया आदेश
वही बता दे की उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार यदि कोई खरीदार बिल्डर को फ्लैट की कीमत का 10% भुगतान करके बिल्डर-बायर एग्रीमेंट करता है, तो उसकी भी रजिस्ट्री करानी होगी। इससे खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा होगी, लेकिन बिल्डर्स ने इसे अनावश्यक खर्च बढ़ाने वाला बताया है।
उत्तर प्रदेश में रेंट एग्रीमेंट की पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन और सरल बनाने से मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों को लाभ होगा।
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