Shardiya Navratri 2024 8th Day के दिन महाष्टमी होती है, जिसे दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है, जो मां दुर्गा का आठवां स्वरूप मानी जाती हैं। उनके इस स्वरूप को सौंदर्य, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है। Shardiya Navratri 2024 8th Day की महाष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी, जो विशेष महत्त्व रखती है।
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ToggleMa Mahagauri का स्वरूप और महत्त्व
Ma Mahagauri को अष्टम रूप में पूजा जाता है। उनका रंग अत्यंत गौर वर्ण का होता है, जिस कारण उन्हें महागौरी कहा जाता है। उनके वस्त्र और आभूषण भी श्वेत होते हैं, जो पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं। पुराणों के अनुसार, महागौरी ने कठिन तपस्या के बाद गौर वर्ण प्राप्त किया था। उनकी चार भुजाएं हैं, जिसमें एक हाथ में अभय मुद्रा और दूसरे हाथ में त्रिशूल धारण किया होता है। उनके वाहन के रूप में बैल का उल्लेख किया गया है, और उनके दूसरे हाथ में डमरू होता है, जो शक्ति और ध्वनि का प्रतीक है।
Ma Mahagauri की पूजा करने से हर प्रकार के कष्टों का नाश होता है, और जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि मां महागौरी की कृपा से गृह दोष समाप्त होते हैं और जीवन में संतुलन और शांति आती है। उनकी पूजा से विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं और असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। नवरात्रि की अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है, जिसमें कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें भोजन कराकर दान दिया जाता है।
Durga Ashtami पूजा विधि
Durga Ashtami के दिन विशेष रूप से मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन प्रात:काल स्नान कर सफेद, लाल या गुलाबी वस्त्र धारण कर पूजा आरंभ की जाती है। सर्वप्रथम कलश की पूजा के बाद देवी महागौरी की विधि-विधान से आराधना की जाती है। पूजा में मां को चंदन, रोली, मौली, कुमकुम, अक्षत, और मोगरे के फूल अर्पित किए जाते हैं।
इसके बाद मां के सिद्ध मंत्र “श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः” का जाप करते हुए हलवा-पूरी, चना और नारियल का भोग चढ़ाया जाता है। पूजा के पश्चात 9 कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है और चुनरी अर्पित की जाती है। सुख-समृद्धि के लिए इस दिन घर की छत पर लाल ध्वजा भी लगाई जाती है।
Durga Ashtami और कन्या पूजन का महत्व
Durga Ashtami के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। कन्याएं मां दुर्गा का रूप मानी जाती हैं, और उनका पूजन किए बिना नवरात्रि की पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। कन्या पूजन के लिए 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को बुलाया जाता है और उन्हें विशेष आदर के साथ भोजन कराकर उपहार दिए जाते हैं। ऐसा करने से मां महागौरी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
साथ ही, महाष्टमी के दिन संधि पूजा का भी विशेष महत्त्व होता है। इस पूजा का मुहूर्त 11 अक्टूबर 2024 को प्रात: 11:42 से दोपहर 12:30 के बीच रहेगा, जिसे संधि काल कहा जाता है। इस काल में मां दुर्गा ने चंड और मुंड नामक असुरों का वध किया था।
Shardiya Navratri 2024 में महाष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी 11 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन अश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 से होगा और इसका समापन 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 पर होगा। इसी दौरान नवमी तिथि भी प्रारंभ हो जाएगी। महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 07:47 से 09:14 बजे तक रहेगा, जबकि कन्या पूजन का समय प्रात: 09:14 से 10:41 तक का होगा। इस समयावधि में की गई पूजा और उपासना का विशेष फल मिलता है।
Durga Ashtami और नवमी का संयोग
इस साल की शारदीय नवरात्रि में पंचमी तिथि दो दिन तक रहेगी, जो 7 और 8 अक्टूबर को पड़ रही है। इसके कारण अष्टमी और नवमी की तिथि एक साथ 11 अक्टूबर 2024 को आएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब अष्टमी और नवमी एक साथ पड़ती हैं, तो दोनों तिथियों का पूजन एक ही दिन में किया जाता है। जिन घरों में कुल देवी की पूजा अष्टमी को की जाती है, वहां 11 अक्टूबर को अष्टमी पूजा होगी, और जिनके यहां नवमी को कुल देवी की पूजा होती है, वे भी 11 अक्टूबर को ही पूजा करेंगे।
Durga Ashtami का महत्व
Durga Ashtami न केवल महागौरी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इस दिन को विजय का प्रतीक भी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाष्टमी के दिन मां दुर्गा ने चंड-मुंड जैसे असुरों का संहार कर विजय प्राप्त की थी। इस दिन की पूजा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और असंभव कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भक्तों का मानना है कि इस दिन मां दुर्गा की आराधना करने से आत्मविश्वास, शक्ति और साहस में वृद्धि होती है, जो जीवन के सभी संघर्षों में सहायक होती है।
Shardiya Navratri 2024 का विशेष महत्त्व
शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से हो रही है और इसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को होगा। इस बार की नवरात्रि 10 दिनों की होगी, जिसमें पंचमी तिथि दो दिन तक रहने के कारण यह विशेष रहेगी। नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और हर देवी का एक दिन निर्धारित होता है। महाष्टमी, यानी अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो सुख, समृद्धि, और सौंदर्य की देवी मानी जाती हैं। उनके पूजन से जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और संतुलन आता है।
महाष्टमी का दिन नवरात्रि के नौ दिनों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा और कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि 2024 में महाष्टमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जिसमें मां की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 07:47 से 09:14 बजे तक रहेगा। इस दिन की पूजा से सभी भक्तों को सुख, समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
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