सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने दो बार मनाया जाता है, पहले शुक्ल पक्ष और दूसरे कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। यह व्रत पूरी तरीके से महादेव और माता गौरी को समर्पित है।
भक्तिजन प्रदोष तिथि के दिन विधि विधान पूर्वक व्रत रखते हैं और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं। जो भी व्यक्ति इस दिन महादेव और माता गौरी की पूजा आराधना करता है उसके जीवन में सुख संपत्ति और समृद्धि की कमी नहीं होती।