Singrauli Viral Video: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक विवादित घटना ने हाल ही में काफी ध्यान आकर्षित किया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के तहसीलदार इंस्पेक्टर (TI) के कार्यालय में पार्षद अर्जुन गुप्ता द्वारा दी गई धमकी के बाद, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (ASI) विनोद मिश्रा ने अपनी वर्दी खुद फाड़ दी। इस घटनाक्रम का पूरा विवरण सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ है, जो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
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ToggleSingrauli घटना का संक्षिप्त विवरण
यह घटना लगभग 8 महीने पुरानी है, लेकिन इसका सीसीटीवी फुटेज हाल ही में सार्वजनिक हुआ है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पार्षद अर्जुन गुप्ता और उनके सहयोगी नाली और सड़क निर्माण को लेकर एक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तहसीलदार इंस्पेक्टर के ऑफिस पहुंचे। इसी दौरान, पार्षद ने गुस्से में आकर ASI विनोद मिश्रा को वर्दी उतरवाने की धमकी दी। इस धमकी के बाद, ASI विनोद मिश्रा ने अपनी वर्दी फाड़ दी, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
Singrauli Viral Videoविवाद की जड़
इस विवाद का मुख्य कारण नाली और सड़क निर्माण से संबंधित था। पार्षद अर्जुन गुप्ता का आरोप था कि उनके इलाके में नाली और सड़क निर्माण में अनियमितताएँ हैं, और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वे TI के ऑफिस पहुंचे थे। बातचीत के दौरान, पार्षद ने ASI विनोद मिश्रा को वर्दी उतरवाने की धमकी दी, जो कि एक पुलिस अधिकारी के लिए अपमानजनक स्थिति थी। इसके परिणामस्वरूप, ASI ने अपनी वर्दी फाड़ दी, जो एक अत्यंत गंभीर प्रतिक्रिया थी।
सीसीटीवी फुटेज का खुलासा
सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि ASI विनोद मिश्रा ने अपनी गुस्से के कारण वर्दी फाड़ दी। वीडियो में ASI काफी उत्तेजित नजर आ रहे हैं और उन्होंने अपनी पेंट भी खोलने की कोशिश की। कई लोग स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन ASI का गुस्सा नियंत्रण से बाहर हो गया था।
जांच और प्रशासनिक कार्रवाई
घटना के उजागर होने के बाद, सिंगरौली जिले की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। उन्होंने ASI विनोद मिश्रा की वर्दी फाड़ने की घटना की जांच की और सीसीटीवी फुटेज के लीक होने और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के मामले में भी जांच के निर्देश दिए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद
वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक माहौल भी गरम हो गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना की सोशल मीडिया पर आलोचना की है और इसे सत्ता की हनक का उदाहरण बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के पार्षद की धमकी के कारण एक वर्दीधारी पुलिस अधिकारी को अपनी वर्दी फाड़नी पड़ी। इस मामले ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया है और स्थानीय मुद्दों पर बढ़ती राजनीति को उजागर किया है।
यह घटना पुलिस और स्थानीय नेताओं के बीच तनाव की स्थिति को उजागर करती है। पार्षद की धमकी और ASI की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि कैसे स्थानीय विवाद गंभीर रूप ले सकते हैं। इस मामले पर आगे की कार्रवाई और इसके राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण होगा। यह घटना सार्वजनिक प्रशासन और पुलिस व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को भी दर्शाती है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।
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