
UGC के नए नियमों से राज्य सरकारों की चिंता
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए नियमों का प्रस्ताव किया है, जिनके तहत विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। इन प्रस्तावित नियमों को लेकर कई राज्य सरकारों ने आपत्ति जताई है।
कुलपतियों की नियुक्ति पर बदलाव
UGC के नए नियमों के अनुसार, राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को बदला जाएगा। अब कुलपतियों की नियुक्ति के लिए केवल शिक्षण अनुभव ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक योग्यता वाले व्यक्तियों को भी इस पद के लिए उपयुक्त माना जा सकता है। इस प्रस्ताव से राज्य सरकारों की भूमिका सीमित हो सकती है।
पदोन्नति के लिए नए प्रावधान
नए नियमों के तहत शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया को भी संशोधित किया गया है। पहले की तुलना में अब योग्यता और अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को और अधिक व्यापक और निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया जाएगा।
राज्यों की आपत्ति
कई राज्यों का मानना है कि यह कदम उनकी स्वायत्तता पर आघात करेगा। उनका कहना है कि शिक्षा राज्य सूची का विषय है और केंद्र सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। इस विषय पर कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से इन प्रस्तावित नियमों को वापस लेने की मांग की है।
इन बदलावों को लेकर अभी और चर्चा होना बाकी है, लेकिन यह साफ है कि यदि ये प्रस्ताव लागू होते हैं, तो शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
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