Student suicide Delhi Metro: राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर दसवीं के छात्र की आत्महत्या, शिक्षिकाओं पर प्रताड़ना का आरोप
Student suicide Delhi Metro: नई दिल्ली में मंगलवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने स्कूलों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सेंट कोलंबा स्कूल के कक्षा 10 के छात्र शौर्य पाटिल ने कथित रूप से स्कूल से निकलने के तुरंत बाद राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर प्लेटफॉर्म से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय वह अभी भी स्कूल यूनिफॉर्म में था।
स्कूल के बैग में मिला कथित सुसाइड नोट
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो छात्र का बैग प्लेटफॉर्म पर पड़ा मिला। बैग में एक पन्ने पर हाथ से लिखा हुआ एक नोट था, जिसमें उसने अपने परिवार से माफी मांगी और तीन शिक्षकों पर लगातार मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया था।
नोट का एक हिस्सा पढ़कर हर किसी का दिल पिघल सकता है—
“Sorry mummy… आखिरी बार दिल तोड़ रहा हूं।
School ki teachers ab hai hi aise, kya bolu…”
एक साल से लगातार ‘उत्पीड़न’—परिवार का दावा
छात्र के पिता प्रदीप पाटिल ने NDTV से बातचीत में बताया कि उनका बेटा पिछले एक साल से स्कूल में “बुरा व्यवहार, ताने और अपमान” झेल रहा था। “वह कहता था कि शिक्षक छोटी-छोटी बात पर डांटते हैं, क्लास में सबके सामने अपमानित करते हैं… हम कई बार स्कूल गए, लेकिन हर बार यही कहा गया कि ‘बच्चा ध्यान नहीं देता’, ‘उसके मार्क्स खराब हैं’।”
परिवार का दावा है कि पिछले चार-पांच महीने उसके लिए बेहद मुश्किल थे। शौर्य के दोस्तों ने भी पिता को बताया कि एक शिक्षिका उसे अक्सर धमकाती थी कि उसके माता-पिता को बुलाया जाएगा और उसका TC (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) कर दिया जाएगा।
डांस प्रैक्टिस में गिरा, सबके सामने डांटा गया
मंगलवार को स्कूल में डांस प्रैक्टिस चल रही थी। इसी दौरान शौर्य मंच पर फिसलकर गिर गया। परिवार के अनुसार इसके बाद शिक्षिका ने उसे सबके सामने अपमानित किया और कहा कि वह “ड्रामा कर रहा है” और “ओवरएक्टिंग” कर रहा है।
उस समय स्कूल की प्रधानाचार्य भी वहीं मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया—ऐसा छात्र के पिता का आरोप है। एक दोस्त ने बताया कि डांट के बाद शौर्य मंच पर ही रोने लगा था।
स्कूल ने दी ‘निकाले जाने’ की चेतावनी?
पिता ने दावा किया कि पिछले सप्ताह एक शिक्षिका ने शौर्य को कहा था कि उसकी शिकायतें जारी रहीं तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा। एक बार एक शिक्षक ने उसे धक्का भी दिया था, यह आरोप भी FIR में दर्ज है।
घर जाते समय रास्ता बदला, सीधा मेट्रो स्टेशन पहुंचा
आम तौर पर शौर्य को घर छोड़ने के लिए परिवार की गाड़ी आती थी, लेकिन उस दिन वह स्कूल के पिछले गेट से चुपचाप निकल गया। फिर वह सीधे राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचा और ऊँचाई से छलांग लगा दी।
यह कदम उसने चंद घंटों पहले हुए अपमान और पिछले महीनों की मानसिक कशमकश के बाद उठाया—ऐसा पुलिस का प्रारंभिक अनुमान है।
सुसाइड नोट ने शिक्षकों को जिम्मेदार बताया
FIR के अनुसार सुसाइड नोट में शौर्य ने लिखा—
- “Repeated harassment” ने उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
- उसने माँ, पिता और बड़े भाई से कई बार माफी मांगी।
- उसने कहा कि उसकी “आखिरी इच्छा” है कि इन शिक्षकों पर कार्रवाई हो।
- उसने लिखा कि वह नहीं चाहता कि “कोई और बच्चा मेरी तरह ऐसा करे”।
- अंत में उसने अपनी बॉडी ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा भी जताई।
“मुझे मेरा बेटा वापस चाहिए”—पिता का फूट पड़ा दर्द
प्रदीप पाटिल ने बताया कि घटना के बाद स्कूल की प्रधानाचार्य ने उन्हें फोन कर कहा कि “हम हर संभव मदद करेंगे।”
इस पर पिता ने टूटे स्वर में जवाब दिया—
“मुझे तो बस मेरा बेटा चाहिए… बाकी मदद का क्या करूंगा?”
परिवार अब अंतिम संस्कार के लिए अपने गृहनगर सांगली (महाराष्ट्र) लौट गया है।
पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया
राजा गार्डन मेट्रो पुलिस ने अब प्रधानाचार्य सहित चार शिक्षकों पर मानसिक प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है। स्कूल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल है
शौर्य की मौत ने एक बार फिर याद दिलाया है कि किशोर उम्र का दबाव, स्कूलों में मानसिक उत्पीड़न, और शिक्षकों द्वारा अनुचित व्यवहार बच्चों को किस हद तक तोड़ सकता है।
हर स्कूल को यह सोचने की जरूरत है कि—
- क्या सिर्फ पढ़ाई में कमजोरी बच्चे को अपमानित करने का कारण है?
- क्या भावनात्मक तकलीफें “ओवरएक्टिंग” हैं?
- क्या बच्चों की आवाज इतनी कमजोर हो गई है कि वे मदद मांग भी नहीं सकते?
एक जिंदगी चली गई… लेकिन सवाल अभी ज़िंदा हैं।
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