
Subodh Kumar fake claim: वोटर अधिकार यात्रा पर दाग, राहुल के आरोपों की खुली पोल
Subodh Kumar fake claim: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। इस यात्रा का मकसद चुनाव आयोग और बीजेपी पर लगे वोट चोरी के आरोपों को जनता के सामने लाना था। लेकिन बिहार के नवादा ज़िले में इस यात्रा के दौरान जो घटना सामने आई, उसने पूरे अभियान पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ नवादा में?
मंगलवार को राहुल गांधी की यात्रा नवादा पहुँची। यहां मंच पर एक शख्स आया जिसका नाम सुबोध कुमार बताया गया। राहुल गांधी ने खुद उसे माइक थमाया और उसने दावा किया कि उसका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, जबकि वह पिछले चुनाव में वोट डाल चुका है।
इस बयान को राहुल गांधी ने गंभीरता से लिया और जनता के बीच यह आरोप दोहराया कि –“बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं। लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब कर दिए गए हैं।”
राहुल का कहना था कि यह सिर्फ बिहार में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी हुआ है।
सुबोध कुमार का दावा निकला फर्जी
हालांकि, कुछ ही घंटों बाद खुलासा हुआ कि सुबोध कुमार का दावा झूठा है। जाँच में पता चला कि उसका नाम वोटर लिस्ट से कटा नहीं था और उसने चुनाव में मतदान भी किया था।
यानी जिस मुद्दे को राहुल गांधी ने जनता के सामने उठाया, वही आधारहीन साबित हो गया। इससे न सिर्फ यात्रा पर सवाल खड़े हुए, बल्कि कांग्रेस और राजद की राजनीति पर भी असर पड़ सकता है।
राहुल गांधी का आरोप क्या है?
राहुल गांधी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि –
- बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोट चोरी हुई है।
- लाखों वोटरों के नाम लिस्ट से हटाए गए।
- यह साजिश सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों में भी हुई।
उनका कहना है कि ‘वोट चोरी’ के खिलाफ यह यात्रा उनकी बड़ी राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा है।
बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के आरोप झूठे साबित होने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शायराना अंदाज़ में तंज कसा –“खड़ा हूँ आज भी वहीं, जहाँ मेरा झूठ पकड़ाया…सच सामने आया, और मैंने अपना मज़ाक बनवाया…”
नड्डा का इशारा साफ था कि राहुल गांधी का अभियान अब मज़ाक बनता जा रहा है और जनता के सामने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
राजद भी निशाने पर
इस मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव भी घिरते दिख रहे हैं, क्योंकि वह भी राहुल गांधी के साथ इस मुद्दे को उठा रहे थे। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और राजद सिर्फ झूठ फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
राजनीतिक असर क्या होगा?
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार और अन्य राज्यों में लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज है। राहुल गांधी अपनी यात्रा से यह संदेश देना चाहते थे कि वह गरीब और आम मतदाता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सुबोध कुमार प्रकरण ने उनकी रणनीति पर पानी फेर दिया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि –
- इस घटना से कांग्रेस की विश्वसनीयता को नुकसान पहुँच सकता है।
- बीजेपी इस मामले को चुनाव प्रचार में ज़रूर भुनाएगी।
- जनता के बीच राहुल गांधी का संदेश अब कमजोर पड़ सकता है।
वोट चोरी का मुद्दा: सच या राजनीति?
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या सचमुच वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर नाम काटे गए हैं, या फिर यह केवल राजनीतिक हथकंडा है? राहुल गांधी और विपक्षी दल इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे महज़ अफवाह और झूठ कह रही है। चुनाव आयोग ने भी पहले कई बार कहा है कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी है और मतदाता चाहें तो शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
बिहार के नवादा की घटना ने राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर बड़ा दाग लगा दिया है। जिस मुद्दे पर वह बीजेपी और चुनाव आयोग को घेर रहे थे, वही दावा झूठा साबित हो गया। बीजेपी अब इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर है और इसे विपक्ष की साख पर चोट बता रही है।
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