Supreme Court Shoe Attack Rakesh Kishore कौन हैं और क्या कहा उन्होंने
Supreme Court Shoe Attack: Supreme Court of India में सोमवार को एक हैरान कर देने वाली घटना हुई, जब वकील Rakesh Kishore ने CJI B. R. Gavai की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया। इस घटना ने न केवल कोर्ट रूम बल्कि पूरे देश की राजनीति और न्यायपालिका को हिला कर रख दिया है।
Supreme Court Shoe Attack घटना का पूरा घटनाक्रम
6 अक्टूबर 2025 को सुबह लगभग 11:30 बजे Court No. 1 में यह घटना घटी। रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनवाई के दौरान अचानक Rakesh Kishore खड़े हुए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि “Sanatan ka apmaan nahi sahenge।” इसके बाद उन्होंने अपना स्पोर्ट्स शू निकाला और CJI गवई की ओर फेंक दिया।
हालांकि Shoe Bench तक नहीं पहुंच पाया और सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत स्थिति को काबू में किया। Chief Justice Gavai ने घटना के बावजूद शांति बनाए रखते हुए कहा — “इससे न्यायालय प्रभावित नहीं होगा, हम सुनवाई जारी रखेंगे।”
कौन हैं Rakesh Kishore?
- उम्र: 71 Years
- पेशा: Advocate, लेकिन उन्होंने बहुत कम मामलों में वकालत की है।
- बार काउंसिल सदस्य: Bar Council of Delhi, Supreme Court Bar Association (SCBA) और Shahdara Bar Association से जुड़े रहे।
- शिक्षा: वे दावा करते हैं कि उनके पास PhD in Medical Entomology (Banaras Hindu University) से है और एक समय WHO (World Health Organization) के साथ काम किया।
- निजी जीवन: दिल्ली के Mayur Vihar इलाके में रहते हैं और अपनी सोसाइटी में अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उनके पड़ोसियों का कहना है कि Rakesh Kishore अक्सर विवादों में रहते हैं, लेकिन उन पर पहले कभी कोई Criminal Case दर्ज नहीं हुआ।
Rakesh Kishore का बयान
सुरक्षा अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें अपने कदम पर कोई पछतावा नहीं है।
उनका कहना है कि:
- वे CJI की Sanatan Dharma से जुड़ी टिप्पणी से आहत थे।
- उन्होंने नशे में यह काम नहीं किया।
- वह जेल जाने को भी तैयार हैं।
- “मेरा नाम Dr. Rakesh Kishore है, क्या कोई मेरी जाति बता सकता है?” — इस तरह के बयान से उन्होंने खुद को दलित बताने की कोशिश भी की।
विवाद का कारण
दरअसल, घटना से कुछ दिन पहले CJI गवई ने Khajuraho Temple में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त प्रतिमा से जुड़े एक केस पर कहा था कि “अगर शिकायतकर्ता वास्तव में भगवान में विश्वास रखते हैं तो वे स्वयं पूजा कर सकते हैं।”
इस टिप्पणी को कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं के अपमान के रूप में देखा। Rakesh Kishore का कहना है कि यही बात उनकी भावनाओं को आहत कर गई और उन्होंने Shoe Attack की योजना बनाई।
Bar Council of India की कार्रवाई
घटना के बाद Bar Council of India (BCI) ने तुरंत Rakesh Kishore की वकालत की सदस्यता Suspend कर दी।
BCI ने कहा:
- यह कृत्य “Inconsistent with dignity of court” है।
- यह न केवल Code of Conduct for Lawyers का उल्लंघन है बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी हमला है।
- उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देने का नोटिस दिया गया है कि क्यों उनका लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द न किया जाए।
वकील समुदाय और समाज की प्रतिक्रिया
- कई Lawyer Associations ने इस घटना की कड़ी निंदा की।
- उनका कहना है कि यह सिर्फ CJI पर हमला नहीं, बल्कि Judiciary of India पर सीधा हमला है।
- वरिष्ठ वकीलों का मानना है कि इसे Criminal Contempt of Court माना जाना चाहिए।
- सोशल मीडिया पर भी यह मामला ट्रेंड करने लगा, जहां लोग इसे न्यायपालिका की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता मान रहे हैं।
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