
सिस्टम का 'सिस्टम का 'बग
कंप्यूटर सिस्टम में जब भी कोई तकनीकी दिक्कत आती है, हम अक्सर कहते हैं कि “सिस्टम में बग आ गया है।” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस ‘बग’ शब्द का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? इसका तकनीकी दुनिया में क्या इतिहास है? आइए जानते हैं।
सिस्टम में पहला असली ‘बग’ कैसे आया?
इस कहानी की शुरुआत 9 सितंबर 1947 से होती है। अमेरिका के मैसाच्युसेट्स के कैम्ब्रिज शहर में स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लैब में एक बड़े कंप्यूटर सिस्टम Harvard Mark II में अचानक तकनीकी समस्या आ गई। उस समय के कंप्यूटर आज के जैसे छोटे और तेज नहीं होते थे। ये बड़े-बड़े कमरे जितने होते थे और इन्हें चलाने के लिए कई वैज्ञानिकों की टीम लगती थी।
जब सिस्टम की खराबी कई कोशिशों के बाद भी ठीक नहीं हुई, तो इंजीनियरों ने पूरा सिस्टम खोलने का फैसला किया। इस दौरान उन्हें तारों के बीच फंसा एक मरा हुआ पतंगा (मॉथ) मिला। यही कीड़ा उस तकनीकी खराबी की असली वजह था। उस दिन की इस घटना को प्रोग्रामर ग्रेस हॉपर ने अपनी लॉगबुक में लिखा, “First actual case of bug being found.” यानी “यह पहला मामला था जब सिस्टम में सचमुच का बग मिला।”
क्यों कहा गया इसे ‘बग’?
हालांकि ‘बग’ शब्द का इस्तेमाल तकनीकी समस्याओं के लिए इससे पहले भी किया जाता था। मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने 1800 के दशक में भी ‘बग’ शब्द का जिक्र किया था, लेकिन Grace Hopper की इस घटना के बाद यह शब्द और ज्यादा लोकप्रिय हो गया।
ग्रेस हॉपर ने इस मरे हुए पतंगे को लैब की नोटबुक में चिपकाकर रख दिया। इसके बाद से जब भी कंप्यूटर सिस्टम में कोई दिक्कत आती थी, उसे ‘बग’ कहा जाने लगा। इस शब्द ने तकनीकी दुनिया में स्थायी जगह बना ली।
डीबगिंग क्या है?
जिस तरह बग से छुटकारा पाने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है, उसी तरह सिस्टम में बग को ठीक करने की प्रक्रिया को ‘डीबगिंग’ कहा जाता है। आज के दौर में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स किसी भी प्रोग्राम की समस्याओं को दूर करने के लिए डीबगिंग करते हैं।
इस रोचक इतिहास से यह बात साफ हो जाती है कि कंप्यूटर सिस्टम का ‘बग’ केवल एक तकनीकी शब्द नहीं है, बल्कि इसका असल कीड़ों से भी नाता है। तकनीकी दुनिया में यह शब्द आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना 1947 में था। तो अगली बार जब आपके सिस्टम में कोई समस्या आए, तो याद रखें कि इसका इतिहास एक छोटे से पतंगे से जुड़ा हुआ है।