
T Raja Singh Resignation नाराजगी, हिंदुत्व, और नेतृत्व चयन पर उठाए सवाल
तेलंगाना की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब गोशामहल से विधायक और भाजपा के फायर ब्रांड नेता टी राजा सिंह (T Raja Singh Resignation) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया। टी राजा सिंह ने तेलंगाना BJP President के रूप में एन रामचंद्र राव (N. Ramchander Rao) की नियुक्ति पर नाराजगी जताते हुए यह बड़ा फैसला लिया।
T Raja Singh Resignation, पत्र में जताई पीड़ा
टी राजा सिंह ने न सिर्फ BJP से इस्तीफा दिया, बल्कि अपनी भावनाएं दो विस्तृत पत्रों के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर सार्वजनिक भी कीं। पत्रों में उन्होंने साफ कहा कि यह निर्णय उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन यह ज़रूरी था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी पत्र के माध्यम से संबोधित किया।
The silence of many should not be mistaken for agreement.
I speak not just for myself, but for countless karyakartas and voters who stood with us with faith, and who today feel let down.
Jai Shri Ram 🚩 pic.twitter.com/JZVZppknl2
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) June 30, 2025
“चुप्पी को सहमति न समझें” – टी राजा सिंह
पत्र में टी राजा सिंह ने लिखा,
“बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझा जाना चाहिए। मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूं, जो हमारे साथ आस्था के साथ खड़े थे और जो आज निराश महसूस कर रहे हैं।”
उनका यह बयान BJP के कार्यकर्ताओं और हिन्दुत्व समर्थकों की भावना की ओर संकेत करता है, जिनका मानना है कि संगठन में कार्यकर्ताओं की आवाज अब सुनी नहीं जा रही।
BJP नेतृत्व पर सवाल
राजा सिंह ने अपने पत्र में कहा कि तेलंगाना जैसे महत्वपूर्ण राज्य में भाजपा को जिस नेतृत्व की जरूरत है, वह सही तरीके से नहीं चुना गया। उन्होंने एन रामचंद्र राव की नियुक्ति को लेकर असहमति जताई और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इस निर्णय पर पुनर्विचार (Reconsider Decision) की अपील की।
उनका यह रुख स्पष्ट करता है कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र और स्थानीय नेताओं की राय की अनदेखी से वे आहत हैं।
“मैं हिंदुत्व की सेवा करता रहूंगा”
हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ी है, लेकिन अपने पत्र में उन्होंने दोहराया कि वह Hindutva Ideology और गोशामहल के लोगों की सेवा से पीछे नहीं हटेंगे।
“भले ही मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं, लेकिन मैं हिंदुत्व की विचारधारा और अपने धर्म तथा गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं।”
उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं बल्कि वैचारिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने का प्रयास है।
शीर्ष नेतृत्व से की अपील
टी राजा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष से अपील की कि वे तेलंगाना भाजपा के भविष्य के लिए इस निर्णय पर दोबारा विचार करें। उन्होंने लिखा कि
“तेलंगाना भाजपा तैयार है, लेकिन हमें उस अवसर का सम्मान करने और उसे हाथ से न जाने देने के लिए सही नेतृत्व चुनना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र
राजा सिंह द्वारा शेयर किए गए दोनों पत्र कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। कई भाजपा समर्थक और हिंदुत्व विचारधारा के लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं, जबकि पार्टी के भीतर इस घटनाक्रम को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या होगा अगला कदम?
राजा सिंह के इस कदम से अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या वह किसी अन्य राजनीतिक दल की ओर रुख करेंगे या एक स्वतंत्र हिंदुत्व नेता के तौर पर राजनीति में सक्रिय रहेंगे। वहीं, भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका है, खासकर तेलंगाना जैसे राज्य में जहां पार्टी विस्तार की कोशिश कर रही है।
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