
Acharya Kishore Kunal का निधन
बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी, प्रसिद्ध समाजसेवी और महावीर मंदिर न्यास के सचिव Acharya Kishore Kunal का आज, रविवार 29 दिसंबर को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। उनका निधन बिहार के लिए एक गहरी शोक की घड़ी है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजसेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित किया था। उनका योगदान न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में अविस्मरणीय रहेगा।
महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार और समाजसेवा में योगदान
आचार्य किशोर कुणाल का जीवन एक प्रेरणा बन चुका था। प्रशासनिक सेवा से रिटायर होने के बाद, उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा समाजसेवा और धार्मिक कार्यों में लगा दी। विशेष रूप से महावीर मंदिर न्यास से जुड़ने के बाद उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। महावीर मंदिर, जो पहले एक छोटे से धार्मिक स्थल के रूप में था, आज एक विशाल और प्रतिष्ठित मंदिर बन चुका है। आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर के विकास के लिए न केवल वित्तीय योगदान किया, बल्कि मंदिर से जुड़े संस्थानों का भी विस्तार किया।
महावीर मंदिर न्यास ने गरीबों के लिए अस्पताल और स्कूल खोले, जिससे न केवल धार्मिक विकास हुआ, बल्कि सामाजिक कल्याण की दिशा में भी महत्वपूर्ण काम हुआ। आचार्य किशोर कुणाल की पहल पर महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वत्सल संस्थान और कई अन्य सामाजिक संस्थाएं स्थापित की गईं, जो आज लाखों लोगों की जिंदगी में सुधार ला रही हैं।
राम मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका
आचार्य किशोर कुणाल ने अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए भी अभूतपूर्व योगदान दिया। 9 नवंबर 2019 को जब सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुनाया, तो आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर मंदिर की ओर से राम मंदिर के निर्माण में 10 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की थी। यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह दिखाता था कि उनका समाज और देश के प्रति समर्पण किस हद तक था।
राजनीतिक और सामाजिक शोक
आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित था। उन्होंने महावीर मंदिर को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। सम्राट चौधरी ने कहा कि उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है, क्योंकि उनके काम ने लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया।
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी आचार्य किशोर कुणाल की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल ने पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी ईमानदार छवि प्रस्तुत की थी और साथ ही आध्यात्मिक क्षेत्र में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। पटना के महावीर मंदिर से प्राप्त आय से उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान और महावीर वत्सल संस्थान जैसे कई महत्वपूर्ण संस्थानों का निर्माण किया, जो आज समाज की सेवा में जुटे हुए हैं।
बिहार बीजेपी ने भी आचार्य किशोर कुणाल के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया। पार्टी ने कहा कि उनका जीवन समाज सेवा, धर्म और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान का परिचायक था। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी कहा कि आचार्य किशोर कुणाल का निधन सामाजिक न्याय और शैक्षिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
आध्यात्मिक और व्यक्तिगत जीवन
Acharya Kishore Kunal का आध्यात्मिक जीवन भी काफी प्रेरणादायक था। उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन में सत्य और निष्ठा के साथ जीवन जीने का आदर्श प्रस्तुत किया। उनका जीवन यह सिद्ध करता है कि अगर इरादा नेक हो और कार्यों में ईमानदारी हो, तो कोई भी इंसान समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
आचार्य किशोर कुणाल का निधन बिहार के समाज और राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सामाजिक कार्यों में समर्पित कर दी और कई संस्थाओं को स्थापित कर समाज के गरीब और कमजोर वर्गों की मदद की। उनका योगदान न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए अमूल्य रहेगा।
उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। उनके जाने से बिहार और समाज के सभी वर्गों में एक गहरी रिक्तता आ गई है, जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी।
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