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हमास की कैद: हमास की कैद से रिहा इजरायली की महिलाओं ने बताइ अपनी कहानी।

हमास की कैद

हमास की कैद से रिहा हुई इजरायली महिलाओं ने बताइए अपने परिवार को अपनी आप बीती।

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हमास की कैद से रिहा हुई इजरायली महिलाओं ने बताइ अपने परिवार को अपनी आप बीती।हमास ने ग़ज़ा में क़ैद चार युवा महिलाओं को छोड़ा है. हमास की ओर से बंधक बना कर रखी गईं इन युवतियों के माता-पिता ने बताया है कि कैसे उनकी बेटियों के साथ बदसलूकी की गई. उन्हें भूखा रखा गया और धमकाया गया. परिवारों के लिए अत्यंत कठिन और दर्दनाक रहा सब कुछ। चलिए जानते है इनकी कहानी ।

रोमी गोनेन, एमिली डामरी, और डोरोन स्टाइनब्रेचर की कहानी

रोमी गोनेन, एमिली डामरी, और डोरोन स्टाइनब्रेचर उन तीन इजरायली महिलाओं में शामिल हैं जिन्हें हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल में हमले के दौरान अगवा किया था। ये तीनों महिलाएं 471 दिनों तक गाजा में बंधक रहीं और जनवरी 2025 में युद्धविराम समझौते के तहत रिहा हुई है। रिहाई के बाद, इनके परिवारों ने अपनी बेटियों के साथ हुई सारी घटना के बारे में बताएं।

हमास की कैद: रोमी गोनेन के परिवार ने बताया

रोमी गोनेन के परिवार नहीं बताया कि ,24 वर्षीय रोमी गोनेन को नोवा संगीत समारोह से अगवा किया गया था। अगवा होने के तुरंत बाद, रोमी ने अपनी मां मेरव को फोन कर अपनी स्थिति के बारे में बताया। वही मेरव ने पिछले 15 महीनों में अपनी बेटी की रिहाई के लिए कई प्रयास किए, जिसमें विदेश यात्राएं भी शामिल थीं। रोमी की रिहाई के बाद, मेरव ने बताया कि उनकी बेटी ने कैद के दौरान मानसिक और शारीरिक परेशानी हुई। रोमी ने अपनी मां को बताया कि उसे लगातार धमकियों और अपमान का सामना करना पड़ा, जिससे उसका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह खराब हो गई थी।

हमास की कैद: चलिए जानते है एमिली डामरी के बारे मे

बता दे कि 28 वर्षीय एमिली डामरी, जो ब्रिटिश-इजरायली नागरिक हैं, किबुत्ज कफर अजा में उनके घर से अगवा किया गया था। वही एमिली की मां, मैंडी, ने बताया कि उनकी बेटी को कैद के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। हमास के आतंकियों ने एमिली से इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया और उसके परिवार से फिरौती की मांग की। मैंडी ने कहा कि उनकी बेटी ने इस दबाव का डटकर सामना किया, लेकिन इस प्रक्रिया ने उसे मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश की। वही एमिली की मां ने बताया हमास के लोग उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाते रहे. इस दौरान शायद ही इन महिलाओं ने सूरज की रोशनी देखी होगी.

हमास की कैद: डोरोन स्टाइनब्रेचर की मां ने अपनी बेटी की आप बीती

उसके बाद 31 वर्षीय डोरोन स्टाइनब्रेचर के पिता ने बताया कि,जो पशु चिकित्सा नर्स हैं, किबुत्ज कफर अजा से अगवा किया गया था। उसके बाद डोरोन की मां ने बताया कि उनकी बेटी को कैद के दौरान अत्यंत अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया। डोरोन ने बताया कि उसे खून से सने तकियों पर सोने के लिए मजबूर किया गया और बाहर होने वाले धमाकों की आवाजों से डराया गया। डोरोन ने अपनी बेटियों को सांत्वना देने के लिए कहा कि ये सिर्फ बादलों की गरज है, लेकिन अंदर से वह खुद बेहद डरी हुई थी।

परिवार वालों को पहुंच गहरा जख्म

इन महिलाओं की रिहाई के बाद, उनके परिवारों ने राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही उन पर बीते अत्याचारों की कहानियों ने उन्हें गहरा जख्म पहुंचा है। परिवारों ने बताया कि उनकी बेटियों ने कैद के दौरान शारीरिक और मानसिक परेशानियां का सामना किया है।जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव, अपमान, धमकियां, और अमानवीय चीज शामिल थीं।

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