तिलक सिर्फ धार्मिक पहचान नहीं है, इसके पीछे कई वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण भी हैं। आपने मंदिरों, त्योहारों या पूजा में लोगों को तिलक लगाते देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं तिलक का क्या महत्व है? आइए सरल भाषा में इसके प्रकार और फायदे जानते हैं।
तिलक का महत्व
तिलक लगाने से मन शांत होता है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है। यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और सकारात्मक सोच लाने में सहायक होता है।
तिलक के प्रकार और उनके फायदे
1. चंदन तिलक: दिमाग को ठंडक देता है
चंदन का तिलक सफेद या पीले रंग का होता है। इसे भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भक्त लगाते हैं। यह तिलक दिमाग को ठंडक देता है और तनाव कम करता है।
2. कुमकुम तिलक: शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक
लाल रंग का कुमकुम तिलक देवी दुर्गा और गणेश जी की पूजा में लगाया जाता है। यह मनोबल बढ़ाता है और सकारात्मक ऊर्जा देता है।
3. भभूत तिलक: जीवन की सच्चाई का प्रतीक
भभूत का तिलक भगवान शिव के भक्त लगाते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन अस्थायी है। इसे लगाने से मन स्थिर और शांत होता है।
4. ऊर्ध्वपुंड्र तिलक: विष्णु भक्ति का चिह्न
यह तिलक चंदन की दो रेखाओं के बीच लाल निशान से बनता है। यह ध्यान केंद्रित करने और आत्मिक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
5. त्रिपुंड तिलक: शिव भक्ति और संतुलन
त्रिपुंड तिलक तीन रेखाओं से बनता है। यह सत्व, रजस और तमस तीन गुणों का प्रतीक है। इसे लगाने से मन शांत होता है।
वैज्ञानिक फायदे
माथे पर तिलक लगाने से आज्ञा चक्र (भौंहों के बीच का ऊर्जा केंद्र) सक्रिय होता है। यह एकाग्रता और मानसिक संतुलन बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, तिलक से त्वचा की नसों में रक्त प्रवाह अच्छा होता है, जिससे दिमाग को आराम मिलता है।
तिलक सिर्फ धार्मिक चिह्न नहीं है, बल्कि यह मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो विज्ञान और आध्यात्म का सुंदर मेल प्रस्तुत करता है। अगली बार तिलक लगाते समय इसके लाभ जरूर याद रखें।