
Tripura, Manipur and Meghalaya Foundation Day 2025: जानिए इन राज्यों के गठन की पूरी कहानी
Tripura, Manipur and Meghalaya Foundation Day 2025: त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय का स्थापना दिवस, जिसे राज्य स्थापना दिवस भी कहा जाता है, 21 जनवरी, 2025 को पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाएगा। इस दिन इन तीनों राज्यों को 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। स्थापना दिवस 2025, इन राज्यों की ऐतिहासिक यात्रा और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को सलाम करने का अवसर है।
Foundation Day 2025: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1972 में, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय को उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के तहत पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। इससे पहले, त्रिपुरा और मणिपुर केंद्रशासित प्रदेश थे, जबकि मेघालय असम का हिस्सा था। इन क्षेत्रों की विशिष्ट सांस्कृतिक और राजनीतिक जरूरतों को समझते हुए, भारत सरकार ने इन्हें राज्य का दर्जा देकर क्षेत्रीय स्वायत्तता को प्रोत्साहित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय स्थापना दिवस 2025
राज्य | पूर्व स्थिति | राज्य का दर्जा प्राप्त |
---|---|---|
त्रिपुरा | केंद्रशासित प्रदेश | 21 जनवरी, 1972 |
मणिपुर | केंद्रशासित प्रदेश | 21 जनवरी, 1972 |
मेघालय | असम का हिस्सा | 21 जनवरी, 1972 |
त्रिपुरा की राज्य स्थापना यात्रा
त्रिपुरा, जो कभी ब्रिटिश भारत के अधीन एक रियासत था, स्वतंत्रता के बाद केंद्रशासित प्रदेश बन गया।
- महाराजा बीर बिक्रम सिंह के निधन के बाद, उनकी विधवा महारानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा को भारतीय संघ में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- बढ़ती जनसंख्या और राजनीतिक आकांक्षाओं के कारण राज्य के रूप में पहचान की मांग तेज हुई।
- 1972 में, उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम के तहत, त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
मणिपुर: ऐतिहासिक समृद्धि और राज्य की स्थापना
मणिपुर, भारत की स्वतंत्रता से पहले एक समृद्ध रियासत थी।
- 1947 में, महाराजा बोधचंद्र सिंह ने भारत में शामिल होने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- 1948 में, मणिपुर ने संवैधानिक राजतंत्र का रूप अपनाया, लेकिन 1949 में भारत के साथ विलय समझौते पर हस्ताक्षर के बाद इसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।
- 1972 में, इसे भारत का 19वां राज्य बनाया गया।
मेघालय की राज्य स्थापना
मेघालय पहले असम का हिस्सा था और इसे खासी, जैंतिया, और गारो पहाड़ियों के नाम से जाना जाता था।
- 1947 में, गारो और खासी क्षेत्रों के शासकों ने भारत में शामिल होने का निर्णय लिया।
- 1970 में, मेघालय को असम के तहत एक स्वायत्त राज्य के रूप में मान्यता दी गई।
- 21 जनवरी, 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971
यह अधिनियम 30 दिसंबर, 1971 को भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था। इसके तहत:
- त्रिपुरा, मणिपुर, और मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
- मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
- असम की सीमाओं को पुनर्गठित किया गया।
- इन राज्यों को लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया।
Foundation Day 2025 का महत्व
2025 में, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय के राज्य स्थापना के 53 वर्ष पूरे होंगे। यह दिन इन राज्यों की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक योगदान और राजनीतिक स्वायत्तता का जश्न मनाने का अवसर है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सार्वजनिक समारोहों के माध्यम से इन राज्यों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।
- मेघालय के खासी और गारो नृत्य, मणिपुर का रस लीला और त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य इस दिन के मुख्य आकर्षण होंगे।
त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय का योगदान
इन राज्यों ने भारत की विविधता को और समृद्ध किया है।
- त्रिपुरा की बांस और बेंत शिल्पकला विश्व प्रसिद्ध है।
- मणिपुर को भारत का स्पोर्ट्स कैपिटल कहा जाता है।
- मेघालय, अपनी पहाड़ी सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है, जिसे भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है।