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Umar Khalid Interim Bail: उमर खालिद को दिल्ली कोर्ट से मिली सात दिन की अंतरिम जमानत, जानिए पूरी जानकारी

Umar Khalid Interim Bail: उमर खालिद को दिल्ली कोर्ट से मिली सात दिन की अंतरिम जमानत, जानिए पूरी जानकारी

Umar Khalid Interim Bail: उमर खालिद को दिल्ली कोर्ट से मिली सात दिन की अंतरिम जमानत, जानिए पूरी जानकारी

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Umar Khalid Interim Bail: पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली की एक कोर्ट से सात दिन की अंतरिम जमानत मिली है। यह जमानत उन्हें अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने के लिए दी गई है। कोर्ट ने 28 दिसंबर से 3 जनवरी, 2025 तक के लिए यह राहत दी है, जो खालिद के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार है। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है, जिसमें खालिद पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित गंभीर आरोप लगे हैं। इस लेख में हम उमर खालिद की जमानत, उनके खिलाफ लगे आरोप और उनके बचाव में उनके वकील द्वारा दिए गए तर्कों पर चर्चा करेंगे।

उमर खालिद की जमानत याचिका

उमर खालिद ने अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने बताया कि उनकी बहन का निकाह 1 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के मस्जिद इशाअत इस्लाम में होगा, और इसके बाद शादी और डिनर कार्यक्रम कलिंदी कुंज में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, हल्दी और मेहंदी समारोह 30 और 31 दिसंबर को होंगे। खालिद ने विशेष रूप से अपनी बहन से मिलने की इच्छा जताई थी, जो अमेरिका से इस आयोजन में शामिल होने आ रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि वह नागपुर में होने वाले रिसेप्शन में शामिल नहीं होंगे और केवल दिल्ली में रहकर शादी समारोह में हिस्सा लेंगे।

कोर्ट की शर्तें और जमानत की प्रक्रिया

दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद को जमानत देते हुए कुछ शर्तें रखी हैं। अदालत ने कहा कि खालिद केवल अपने परिवार, रिश्तेदारों और मित्रों से मिल सकते हैं। वह केवल उन्हीं स्थानों पर जा सकते हैं जहां शादी समारोह हो रहे हैं। इसके साथ ही, अदालत ने यह भी आदेश दिया कि खालिद को सोशल मीडिया का उपयोग करने से रोका जाएगा और वह किसी गवाह या मामले से जुड़े व्यक्तियों से संपर्क नहीं करेंगे। इसके अलावा, उन्हें अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देना होगा और 3 जनवरी 2025 की शाम को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि उमर खालिद को पहले भी इसी प्रकार की अंतरिम राहत 2022 में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए दी गई थी।

उमर खालिद पर आरोप

उमर खालिद पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में गंभीर आरोप हैं। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह दंगे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे। दिल्ली पुलिस ने खालिद पर साजिश रचने, दंगे भड़काने, गैरकानूनी सभा आयोजित करने, हत्या और देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस का आरोप है कि खालिद ने एक सुनियोजित तरीके से ऐसे भाषण दिए थे जिनसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता था।

उमर खालिद की जमानत याचिकाएं

उमर खालिद ने अब तक कई बार जमानत के लिए याचिका दायर की है, लेकिन उनकी सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। मार्च 2022 में उनकी पहली जमानत याचिका निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। अक्टूबर 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनकी अपील को खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होते हैं। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन अपनी याचिका को वापस ले लिया। मई 2024 में भी उनकी दूसरी नियमित जमानत याचिका निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। फिलहाल, उनकी जमानत की अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।

खालिद के बचाव में वकील के तर्क

उमर खालिद के वकील ने अदालत में कई महत्वपूर्ण तर्क दिए हैं। वकील ने कहा कि खालिद दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मौजूद नहीं थे और उन्होंने अपने भाषण में गांधीवादी सिद्धांतों का समर्थन किया था। वकील का कहना था कि खालिद के खिलाफ कोई ठोस भौतिक साक्ष्य नहीं हैं, जो उन्हें दंगों से जोड़ते हों। उन्होंने यह भी कहा कि खालिद के सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है, जैसे कि देवांगना कालिता, नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल तनहा और इशरत जहां, और खालिद के मामले में भी समान व्यवहार किया जाना चाहिए।

कोर्ट का निर्णय और राहत

कोर्ट ने उमर खालिद को 20,000 रुपये के निजी बॉन्ड और दो समान राशि के जमानती पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि खालिद का अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने और अपने रिश्तेदारों से मिलने का अनुरोध उचित और न्यायसंगत है, इसलिए उन्हें यह राहत दी गई। इसके साथ ही, अदालत ने यह निर्देश दिया कि खालिद 3 जनवरी 2025 की शाम को जेल में आत्मसमर्पण करें।

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