
UP power crisis बिजली कटौती पर जनता की शिकायत, ऊर्जा मंत्री A.K. शर्मा बोले- ‘जय श्रीराम’ और चले गए!
UP power crisis: उत्तर प्रदेश में Power crisis दिन-ब-दिन विकराल होता जा रहा है। तेज गर्मी और उमस भरे मौसम में जनता बिजली की भारी कटौती से जूझ रही है। कई जिलों में Electricity supply मात्र 3 से 4 घंटे तक सीमित कर दी गई है। इस बीच राज्य के ऊर्जा मंत्री A.K. शर्मा का एक Viral video सामने आया है जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
जनता परेशान, मंत्री जी ‘जय श्रीराम’ बोलकर चलते बने
मामला सुल्तानपुर के सूरापुर कस्बे का है। बुधवार को ऊर्जा मंत्री AK शर्मा जब जौनपुर से सुल्तानपुर की ओर जा रहे थे, तभी रास्ते में स्थानीय व्यापारियों ने उन्हें रोककर बिजली कटौती की शिकायत की। व्यापारियों ने बताया कि कस्बे में सिर्फ 3 घंटे बिजली दी जा रही है और SDO ऑफिस ने यहां तक बोर्ड लगा दिया है कि बिजली सिर्फ 11 बजे सुबह से 3 बजे दोपहर तक ही मिलेगी।
3 घंटे बिजली, जनता परेशान
ऊर्जा मंत्री AK शर्मा: जय श्रीराम! 🙏
फिर गाड़ी में बैठकर निकल लिए 🚗
क्या बिजली संकट से ऐसे निपटेगी योगी सरकार?
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व्यापारियों ने मंत्री जी को ज्ञापन (Demand letter) भी सौंपा, जिसमें उन्होंने चार अहम मांगें रखीं:
- बिजली की आपूर्ति बढ़ाई जाए
- सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाई जाए
- पुराने तार बदले जाएं
- बाजार फीडर को गांव फीडर से अलग किया जाए
लेकिन मंत्री जी का जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने हाथ जोड़ते हुए सिर्फ इतना कहा, “ठीक है, ठीक है, देखेंगे”, और फिर अचानक ‘जय श्रीराम’, ‘जय बजरंगबली’ का नारा लगाते हुए गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।
विपक्ष ने घेरा, AAP और कांग्रेस ने साधा निशाना
Aam Aadmi Party (AAP) ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा –
“यह हैं मोदी जी के खास ऊर्जा मंत्री AK शर्मा। जनता बिजली कटौती से त्रस्त है और मंत्री जी ‘जय श्रीराम’ बोलकर मौके से भाग गए।”
वहीं UP Congress spokesperson Anshu Awasthi ने BJP सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
“गांवों में तो हालात और भी बदतर हैं। 24 घंटे में सिर्फ 3 घंटे बिजली दी जा रही है। ना कोई नया विद्युत उत्पादन केंद्र लगाया गया, ना सप्लाई सुधारने की कोशिश की गई। उल्टा विद्युत विभाग का निजीकरण कर सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाना चाह रही है।”
UP power crisis क्या है असली कारण?
जानकारों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों से Electricity demand लगातार बढ़ी है लेकिन उसके मुकाबले में Power generation capacity और ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड नहीं किया गया।
- उद्योग और व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं
- घरेलू उपभोक्ता रात में गर्मी में जागने को मजबूर हैं
- किसान भी सिंचाई के लिए बिजली न मिलने से परेशान हैं
क्या सिर्फ नारे लगाकर होगा बिजली संकट का समाधान?
यह घटना न सिर्फ मौजूदा सरकार की Energy management policy पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जमीनी स्तर पर शिकायतें कैसे अनसुनी की जा रही हैं। जनता को उम्मीद थी कि ऊर्जा मंत्री समस्याएं सुनेंगे और समाधान की दिशा में कार्य करेंगे, लेकिन जवाब में सिर्फ जयकारा सुनने को मिला।
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