UPSRTC Bharti 2025: महिलाओं के लिए खुशखबरी! नोएडा UPSRTC में कंडक्टर के 167 पदों पर भर्ती
UPSRTC Bharti 2025: नोएडा की सड़कों पर जल्द ही बदलाव की बयार चलने वाली है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC Bharti 2025) ने एक बार फिर महिलाओं के लिए बस परिचालक के पदों पर भर्ती निकालने की तैयारी शुरू कर दी है।
यह सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सड़क परिवहन में उनकी बढ़ती भूमिका की ओर बड़ा कदम है।
दो बार असफल रही भर्ती, अब तीसरी बार उम्मीदें बढ़ीं
UPSRTC ने अब तक दो बार महिलाओं के लिए रोडवेज कंडक्टर की भर्ती प्रक्रिया चलाई, लेकिन दोनों ही बार उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले।
- पहली बार निकाली गई भर्ती में सिर्फ 3 महिलाओं का चयन हो पाया था।
- दूसरी बार 41 महिलाओं ने आवेदन किया, जिनमें से केवल 10 उम्मीदवार चुनी जा सकीं।
- फिर भी विभाग ने हार नहीं मानी। अब UPSRTC Bharti 2025 तीसरी बार फिर से 167 पदों पर भर्ती निकाली जाएगी।
क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार सिंह का कहना है,“शासन से निर्देश मिलते ही भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। इस बार कोशिश है कि अधिक से अधिक महिलाएं इससे जुड़ें।”
कौन कर सकता है UPSRTC Bharti 2025 के लिए आवेदन?
यह भर्ती विशेष रूप से महिलाओं के लिए निकाली जा रही है।
प्रदेश सरकार चाहती है कि महिलाओं की भागीदारी सड़क परिवहन क्षेत्र में भी बढ़े।
योग्यता:
- उम्मीदवार इंटरमीडिएट (12वीं पास) होनी चाहिए।
- उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया:
महिलाएं UPSRTC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
विस्तृत जानकारी, दस्तावेज़ अपलोड करने और आवेदन की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
महत्वपूर्ण: चयन के बाद महिलाओं को यूपी कौशल विकास मिशन (UPSDM) के तहत विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ काम कर सकें।
वेतन और सुविधाएँ – सम्मान के साथ कमाई
चयनित महिला परिचालकों को “किलोमीटर आधारित वेतन” मिलेगा।
इसके अलावा, उन्हें दुर्घटना बीमा, यात्रा भत्ता और अन्य सरकारी लाभ भी दिए जाएंगे।
यह पहल न सिर्फ रोजगार का मौका देती है, बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सम्मान का द्वार भी खोलती है।
महिलाओं के लिए नई पहचान का प्रतीक
आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं — चाहे वो सेना हो, विज्ञान, खेल या राजनीति।
अब वक्त आ गया है कि सड़क परिवहन जैसे पारंपरिक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में भी महिलाएं अपनी जगह बनाएं।
एक महिला कंडक्टर का मतलब सिर्फ टिकट काटना नहीं है —
बल्कि वह यात्रा का हिस्सा बनकर यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और मुस्कुराहट की ज़िम्मेदारी उठाती है।
अक्सर हम देखते हैं कि महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट में काम करने से हिचकिचाती हैं,
लेकिन इस भर्ती के ज़रिए सरकार चाहती है कि “डर नहीं, दरवाज़े खुलें।”
पहले की कम प्रतिक्रिया क्यों मिली थी?
UPSRTC की पिछली दोनों कोशिशों में कम आवेदन आने के पीछे कुछ कारण भी रहे —
- कई महिलाओं को नौकरी की जानकारी ही नहीं मिली,
- कुछ को सुरक्षा और सुविधा को लेकर संशय था,
- और कुछ को लगता था कि यह काम “महिलाओं के लिए नहीं”।
लेकिन अब माहौल बदल रहा है।
सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित ड्यूटी शिफ्ट, प्रशिक्षित सहयोगी स्टाफ, और आवासीय सुविधा जैसी योजनाओं पर भी काम कर रही है।
इससे उम्मीद है कि इस बार अधिक संख्या में महिलाएं इस भर्ती का हिस्सा बनेंगी।
कंडक्टर बनने के बाद क्या होगा काम?
महिला परिचालक का काम केवल टिकट जारी करने तक सीमित नहीं रहेगा।
उन्हें यात्रियों से संवाद करना होगा, बस संचालन के दौरान अनुशासन बनाए रखना होगा और महिला यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल तैयार करना होगा।
विभाग का मानना है कि महिलाओं की मौजूदगी से रोडवेज बसों में यात्रियों का व्यवहार और अनुशासन बेहतर होगा।
यात्रा के दौरान सहानुभूति, संवेदना और अनुशासन — यही वो तीन बातें हैं जो महिला परिचालक लेकर आएंगी।
यह भी पढ़े

