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Vaikuntha Ekadashi 2025: तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दिव्य दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग – जानें कैसे पाएं अपनी सीट

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Vaikuntha Ekadashi 2025 का पर्व एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण अवसर है, जो हर साल तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिव्य अवसर पर लाखों भक्त तिरुमला पहुंचते हैं और भगवान के दर्शन करके अपने जीवन को आशीर्वाद से भरते हैं। इस वर्ष, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने वैकुंठ एकादशी के दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू कर दी है, ताकि भक्तों को दर्शन के अनुभव में कोई भी कठिनाई न हो। इस सुविधा के माध्यम से, भक्त बिना किसी परेशानी के अपने दर्शन के समय का चुनाव कर सकते हैं और आसानी से तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर सकते हैं।

  1. वैकुंठ एकादशी का धार्मिक महत्व क्या है
    वैकुंठ एकादशी को भगवान विष्णु के प्रिय दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की पूजा से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सारे पाप धुल जाते हैं। यह दिन विशेष रूप से आत्मा की शुद्धि और ईश्वर के प्रति भक्ति को बढ़ाने का होता है। वैकुंठ एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और शांति का अनुभव होता है।
  2. वैकुंठ एकादशी कब मनाई जाती है
    वैकुंठ एकादशी हर साल शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, जो आमतौर पर दिसंबर या जनवरी महीने में होती है। यह तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार बदलती रहती है, लेकिन हर साल इसे शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उत्तर भारत और दक्षिण भारत में अधिक धूमधाम से मनाया जाता है।
  3. वैकुंठ एकादशी की पूजा विधि क्या है
    वैकुंठ एकादशी की पूजा विधि में उपवास रखना, हरी विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना और भगवान विष्णु की आराधना करना शामिल है। भक्त इस दिन विशेष रूप से रातभर जागकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है, और भक्त दीप जलाकर भगवान के चरणों में श्रद्धा अर्पित करते हैं।
  4. वैकुंठ एकादशी पर उपवास और आराधना कैसे की जाती है
    वैकुंठ एकादशी पर उपवास रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन, भक्त सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं और व्रत का पालन करते हैं। उपवास रखने के दौरान, वे केवल पानी का सेवन करते हैं और संतान के लिए प्रार्थना करते हैं। रातभर जागकर भगवान विष्णु की पूजा और आराधना की जाती है। इस दिन विशेष रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया जाता है।
  5. वैकुंठ द्वार और मोक्ष प्राप्ति का क्या महत्व है
    वैकुंठ एकादशी पर यह विश्वास है कि भगवान विष्णु का वैकुंठ द्वार इस दिन खुलता है, जिससे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। वैकुंठ द्वार के माध्यम से भक्त अपनी आत्मा को शुद्ध कर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। इस दिन भगवान की विशेष कृपा से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में शांति और सुख का संचार होता है।
Vaikuntha Ekadashi 2025 के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग विवरण
  1. वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट:
    • बुकिंग शुरू होने की तारीख: 23 दिसंबर, 2024, सुबह 11 बजे से।
    • कैसे बुक करें: भक्त TTD की आधिकारिक वेबसाइट (Tirumala Tirupati Devasthanams) पर जाकर अपनी टिकट बुक कर सकते हैं।
  2. विशेष प्रवेश दर्शन (SED) टिकट:
    • बुकिंग शुरू होने की तारीख: 24 दिसंबर, 2024, सुबह 11 बजे से।
    • ये टिकट विशेष दर्शन की सुविधा प्रदान करेंगे, जो भक्तों को एक खास अनुभव देंगे।

वैकुंठ द्वारम: वैकुंठ द्वारम, जो भगवान वेंकटेश्वर के गर्भगृह के चारों ओर स्थित पवित्र मार्ग है, हर साल 10-दिवसीय वैकुंठ एकादशी उत्सव के दौरान भक्तों के लिए खोला जाता है। इस मार्ग से गुजरने का अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व है और इसे पुण्यकारी माना जाता है।

स्लॉटेड सर्व दर्शन टोकन (SSD): भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, TTD ने स्लॉटेड सर्व दर्शन (SSD) टोकन प्रणाली शुरू की है। ये टोकन तिरुपति और तिरुमला में विभिन्न केंद्रों पर वितरित किए जाएंगे, ताकि भक्तों को निर्धारित समय पर दर्शन का अवसर मिल सके।

टोकन वितरण केंद्र:

महत्वपूर्ण सूचना:

Vaikuntha Ekadashi 2025 में वैकुंठ एकादशी और द्वादशी के प्रमुख आयोजन

  1. वैकुंठ एकादशी (10 जनवरी, 2025):
    • VIP प्रोटोकॉल दर्शन: सुबह 4:45 बजे से।
    • स्वर्ण रथ (गोल्डन चेरियट) शोभायात्रा: सुबह 9 बजे से 11 बजे तक।
    • यह शोभायात्रा भक्तों के लिए एक अद्भुत और दिव्य अनुभव होगा।
  2. द्वादशी (11 जनवरी, 2025):
    • चक्रस्नानम अनुष्ठान: श्रीवारी पुष्करिणी (मंदिर तालाब) पर सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे तक।

Vaikuntha Ekadashi 2025 में वैकुंठ एकादशी उत्सव में विशेष व्यवस्थाएं

  1. नि:शुल्क भोजन वितरण (अन्नदानम):
    • समय: सुबह 6 बजे से मध्यरात्रि तक।
    • भक्तों को स्वादिष्ट भोजन जैसे चाय, कॉफी, दूध, उपमा, शक्कर पोंगल, पोंगल आदि परोसे जाएंगे।
  2. लड्डू वितरण:
    • 3.5 लाख लड्डू का बफर स्टॉक रखा जाएगा, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की कमी न हो।
  3. यातायात प्रबंधन:
    • स्थानीय पुलिस और TTD के साथ मिलकर मंदिर के आसपास सुगम यातायात व्यवस्था बनाई जाएगी।
    • भक्तों के लिए विशेष पार्किंग और मार्ग व्यवस्था की जाएगी।

निष्कर्ष

Vaikuntha Ekadashi 2025: तिरुमला में एक अत्यंत दिव्य और भक्तों के लिए अहम अवसर है। इस दिन वैकुंठ द्वारम से गुजरना एक आशीर्वाद और पुण्य का अवसर माना जाता है। TTD की वेबसाइट पर जल्दी से जल्दी अपनी टिकट बुक करके आप इस पवित्र अवसर का हिस्सा बन सकते हैं और भगवान वेंकटेश्वर के आशीर्वाद से अपने जीवन को और भी सुखमय बना सकते हैं। TTD द्वारा की गई व्यापक व्यवस्थाओं, दर्शन टोकनों, अन्नदानम और यातायात प्रबंधन से भक्तों को एक सहज और श्रद्धा से भरा अनुभव मिलेगा।

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