
विजया एकादशी 2025: विजय एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है ।
विजया एकादशी 2025: विजया एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है । इसे करने से जीवन में सफलता और पापों से मुक्ति मिलती है। यह एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में आती है । और इसे विशेष रूप से विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है। वही कहा जाता है कि स्वयं भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए इस व्रत का पालन किया था।
विजया एकादशी 2025:विजया एकादशी का महत्व
विजया एकादशी का अर्थ है । विजया प्रदान करने वाली एकादशी । यह व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और सफलता दिलाने वाला माना जाता है .इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है क्योंकि वह संसार के पालन करता है और भक्तों को सुख समृद्धि प्राप्त करते है। वही इस व्रत को करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। कार्य में सफलता प्राप्त होती है ।पारिवारिक सुख एवं शांति की प्राप्ति होती है। वही मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म मृत्यु के चक्र में मुक्ति मिलती है।
विजया एकादशी व्रत की तिथि और समय
विजया एकादशी हर साल फागुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है व्रत रखने वालों को तिथि के अनुसार उपवास करना चाहिए।
एकादशी तिथि परम 24 फरवरी 2025 दोपहर 12:30 से होगी जिसकी समाप्ति 25 फरवरी 2025 दोपहर 2:10 पर समाप्त होगी।
विजया एकादशी 2025: व्रत की पूजा विधि
•व्रत से एक दिन पहले साधारण भोजन कीजिए।
•एकादशी के दिन सूर्य उदय से पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प ले।
•वहीं पूरे दिन उपवास करें यदि निर्जला व्रत संभव न हो तो फलहार कर सकते हैं।
विजया एकादशी 2025: पूजा विधि
•घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कीजिए।
•गंगाजल से स्नान कराए और पीले वस्त्र पहना है।
•भगवान विष्णु को पुष्प ,फल, तुलसी ,चंदन, धूप ,दीप चढ़ाई।
•विष्णु भगवान की आरती कीजिए रामायण का पाठ करिए।
•विष्णु मंत्र का जाप करें।
विजया एकादशी 2025: एकादशी व्रत के नियम
•व्रत वाले दिन या व्रत से एक दिन पहले मांस, प्याज ,लहसुन का सेवन न करें।
•क्रोध झूठ और बुरे विचारों से दूर रहे।
•किसी भी जरूरतमंद को अन और वस्त्र दान करें।
विजया एकादशी 2025: विजय एकादशी व्रत का लाभ
•इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
•इस व्रत को करने से व्यक्ति को किसी भी संघर्ष में सफलता मिलती है।
•इस व्रत को करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
•इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
विजय एकादशी की कथाएं
रामायण की कथा के अनुसार जब भगवान श्री राम अपनी सेना के साथ समुद्र तट पर पहुंचे और रावण से युद्ध करने के लिए लंका जाने की योजना बनाई तब उन्होंने समुद्र को पार करने के लिए उपाय खोजा इस दौरान उन्होंने विजय एकादशी का व्रत रखा।
विजया एकादशी 2025: एक और कथा
एक समय की बात है। नारद मुनि ने भगवान विष्णु से पूछा है प्रभु कृपया मुझे विजय एकादशी का महत्व बताइए।भगवान विष्णु ने उत्तर देते हुए कहा हे नारद। प्राचीन काल में महिष्मती नगरी के राजा विख्यात थे। वह धर्मपरायण थे। लेकिन एक युद्ध में उनकी पराजय हुई। इस पर उन्होंने महर्षि नगरी से उपाय पूछा। महर्षि ने उन्हें विजय एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया राजा ने इस व्रत को विधि पूर्वक किया और उन्हें अपने सूत्रों पर विजय प्राप्ति हुई।
इसीलिए हर व्यक्ति इस व्रत को भक्ति भाव से करता है और इसका पूरा पालन करता है।
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