राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने गुरुवार को चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई इलाकों में वोटिंग को जानबूझकर धीमा किया जा रहा है।
voting update: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने गुरुवार को चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कई इलाकों में वोटिंग को जानबूझकर धीमा किया जा रहा है। पार्टी ने दावा किया कि ऐसे केंद्रों पर जहां आरजेडी को मजबूत समर्थन माना जाता है, वहां मतदाताओं को घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है, जबकि अन्य इलाकों में वोटिंग अपेक्षाकृत तेज गति से हो रही है।
आरजेडी ने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है ताकि विपक्षी मतदाताओं का उत्साह कम हो और मतदान प्रतिशत घटे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दावा किया कि कई जगहों पर ईवीएम मशीनें बार-बार खराब हो रही हैं, जिससे मतदान प्रक्रिया ठप पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पहले से सूचित करने के बावजूद इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं की जा रही है।
voting update: आरजेडी का आरोप – “जहां हमारा आधार वोट है, वहीं रुकावटें”
आरजेडी प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह कोई संयोग नहीं है कि जिन बूथों पर हमारे उम्मीदवारों को भारी समर्थन मिल रहा है, वहीं मशीनें फेल हो रही हैं। प्रशासनिक लापरवाही के नाम पर लोगों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।”
पार्टी ने यह भी दावा किया कि कुछ इलाकों में सुरक्षा कर्मी मतदाताओं से अनुचित व्यवहार कर रहे हैं, और कई केंद्रों पर बुजुर्गों तथा महिलाओं को कतार से वापस भेज दिया गया।
आरजेडी ने चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और कहा है कि आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी मतदाता बिना किसी रुकावट के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर आयोग ने निष्पक्षता नहीं दिखाई तो वह इस मुद्दे को दिल्ली तक उठाएगी और कानूनी कार्रवाई पर भी विचार करेगी।
voting update: चुनाव आयोग का जवाब – “आरोप बेबुनियाद, प्रक्रिया पारदर्शी”
वहीं, चुनाव आयोग (EC) ने आरजेडी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। आयोग ने कहा कि मतदान पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल में हो रहा है। जिन केंद्रों पर तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिली थी, वहां तुरंत वैकल्पिक ईवीएम मशीनें भेजी गईं।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, “वोटिंग की गति सामान्य है और किसी भी केंद्र पर जानबूझकर देरी करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। सभी मतदान केंद्रों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और पर्यवेक्षक तैनात हैं, जो हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं।”
आयोग ने यह भी बताया कि सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं और मतदाताओं या राजनीतिक दलों की शिकायतों पर तत्काल प्रतिक्रिया दी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ केंद्रों पर भीड़ अधिक होने के कारण वोटिंग की गति थोड़ी धीमी दिखाई दे सकती है, लेकिन इसका किसी राजनीतिक उद्देश्य से कोई संबंध नहीं है।
voting update: सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
आरजेडी के आरोप लगते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। पार्टी समर्थकों ने कई वीडियो और फोटो साझा किए जिनमें लोगों को बूथों पर लंबी कतारों में खड़ा दिखाया गया। वहीं सत्तारूढ़ एनडीए समर्थकों ने कहा कि आरजेडी हार का बहाना ढूंढ़ रही है। उन्होंने तर्क दिया कि जहां भारी मतदान हो रहा है, वहीं स्वाभाविक रूप से भीड़ और इंतजार बढ़ जाता है।
चुनाव आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें। आयोग ने कहा कि हर जिले के डीएम और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र से वापस न लौटना पड़े।
voting update: निष्पक्षता पर सियासी टकराव
चुनावी मौसम में यह पहला मौका नहीं है जब आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हों। पिछली बार के चुनावों में भी कई दलों ने इसी तरह के आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में आयोग की रिपोर्ट में उन्हें निराधार पाया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के विवाद अक्सर तब उभरते हैं जब मुकाबला कड़ा होता है। चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, मतदान प्रक्रिया में थोड़ी तकनीकी गड़बड़ियाँ आम बात हैं, लेकिन जब यह मामला राजनीतिक रूप ले लेता है, तो यह मतदाताओं के मन में शंका पैदा कर देता है।

