Wasim Akram arrested for spying: यूट्यूबर वसीम अकरम, चार साल से दे रहा था खुफिया जानकारी
Wasim Akram arrested for spying: हरियाणा के पलवल ज़िले में पुलिस ने एक और बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पाकिस्तान के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और साझा करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने यूट्यूबर वसीम अकरम को गिरफ्तार किया है। इससे पहले 26 सितंबर को आली मेव निवासी तौफीक को इसी तरह के आरोपों में पकड़ा गया था। तौफीक की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में वसीम का नाम सामने आया और फिर पुलिस ने उसे भी दबोच लिया।
यह मामला इतना गंभीर है कि अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इसे पाकिस्तान की गहरी साज़िश मान रही हैं।
कौन है वसीम अकरम?
वसीम अकरम, हरियाणा के हथीन क्षेत्र के कोट गांव का रहने वाला है। वह पेशे से एक यूट्यूबर है और अपने चैनल पर लोकल वीडियो और कंटेंट डालता था। पुलिस जांच में सामने आया कि वसीम के पिता मकसूद गांव में अस्पताल चलाते हैं और उनके रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। यही रिश्तेदारी आगे चलकर जासूसी का पुल बन गई।
साल 2021 में वसीम पहली बार पाकिस्तान गया था। रिश्तेदारी में मिलने के बहाने उसने वीज़ा बनवाया और पाकिस्तान पहुंचा। वहीं उसकी मुलाकात पाकिस्तान दूतावास में काम करने वाले दानिश और एक अन्य कर्मचारी से हुई। इसी मुलाकात ने उसकी ज़िंदगी बदल दी। उसके बाद से ही वसीम पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में आ गया और लगातार जानकारी साझा करने लगा।
पाकिस्तान के लिए क्या करता था वसीम?
पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि वसीम बीते चार साल से पाकिस्तान को जानकारी दे रहा था। वह व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए संवेदनशील डेटा भेजता था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वसीम ने खुद दिल्ली जाकर पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों को सिम कार्ड उपलब्ध कराए। यह वही तरीका है, जिससे पाकिस्तान भारत में अपना नेटवर्क मजबूत करता है।
पुलिस को वसीम के फोन से कई चैट्स मिली हैं। कुछ चैट्स डिलीट कर दी गई थीं, लेकिन तकनीकी टीम उन्हें रिट्रीव कर रही है। इन चैट्स से साफ है कि वह भारत की सुरक्षा और स्थानीय लोगों से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कर रहा था।
तौफीक ने खोला राज़
इस मामले की शुरुआत हुई तौफीक की गिरफ्तारी से। तौफीक, आली मेव गांव का रहने वाला है और वह भी 2022 से ही पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेज रहा था। पुलिस ने जब उसे पकड़ा और पूछताछ की, तो उसने अपने नेटवर्क में शामिल लोगों का नाम बताया। इसी कड़ी में वसीम अकरम का नाम सामने आया।
तौफीक के फोन से जो जानकारी मिली, उसमें पाकिस्तानी नंबर, चैट्स और भारतीय सुरक्षा बलों से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं मिलीं। उसने हथीन के एक बीएसएफ जवान और पलवल के न्यू कॉलोनी निवासी एक अन्य व्यक्ति की निजी जानकारी भी पाकिस्तान भेजी थी।
ज्योति मल्होत्रा का मामला भी जुड़ा
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब यूट्यूबर जासूसी में पकड़ा गया हो। इससे पहले मई 2025 में हिसार की ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ज्योति एक ट्रैवल यूट्यूबर थी और पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी दानिश के संपर्क में आई थी।
जांच में सामने आया कि ज्योति कई बार पाकिस्तान गई और वहां खुफिया जानकारी साझा की। वह व्हाट्सऐप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती थी। अब वसीम का मामला सामने आने के बाद पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं ये सारे मामले आपस में जुड़े तो नहीं हैं।
पुलिस और एजेंसियों की कार्रवाई
क्राइम ब्रांच प्रभारी दीपक गुलिया के नेतृत्व में टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। फिलहाल वसीम को पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि उसके पास से मिले चैट्स और कॉल डिटेल्स की गहन जांच की जा रही है।
दोनों आरोपियों – वसीम और तौफीक – के खिलाफ देशद्रोह सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आगे की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर की जाएगी।
क्यों खतरनाक है यह मामला?
भारत में जासूसी के लिए सोशल मीडिया और यूट्यूबर जैसे नए चेहरों का इस्तेमाल होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। पहले जहां ऐसे मामलों में सिर्फ सेना या सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया जाता था, अब आम लोग, खासकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, पाकिस्तान के निशाने पर हैं।
वसीम और ज्योति जैसे मामले साफ बताते हैं कि पाकिस्तान, भारत के भीतर अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियां अपना रहा है।
यह भी पढ़े

