
भगदड़ इतनी भयानक थी कि इसने 30 से 40 लोगों को मौत की नींद सुला दी।
Mahakumbh Stampede: 29 जनवरी को महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए एक दिन पहले ही जन सैलाब उमड़ने लगा था। जिस कारण 28 तारीख की देर रात को कुंभ में अफवाह के कारण भगदड़ मच गई थी यह भगदड़ इतनी भयानक थी कि इसने 30 से 40 लोगों को मौत की नींद सुला दी। हालांकि कुछ लोगों को कहना था कि बैरिकेडिंग टूटने की वजह से भगदड़ मची थी वहीं कुछ लोगों का कहना था की अफवाह के कारण भगदड़ मची थी । चलिए जानते हैं कि किस अफवाह के कारण यह सब हुआ। आईए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से।
Mahakumbh Stampede: लोगों ने बताई आपबीती
महाकुंभ में आए एक श्रद्धालु ने भगदड़ में मची आप बीती बताइ दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उनका नाम रमेश है। रमेश ने कहा कि ” हम रात 12:30 बजे संगम घाट पर पहुंचे थे जहां पर हमें नींद आ गई थी तो हम आराम करने लगे। तभी पुलिस वाले आए और लाउडस्पीकर से अनाउंस करने लगे की जाओ स्नान करो। इसी दौरान भगदड़ मच गई लगभग 15 मिनट तक लोग हमें कुचलते रहे और हम दबे रहे पर मैंने अपनी मां का हाथ पकड़ा हुआ था लेकिन इतनी ज्यादा भीड़ थी की मां और पत्नी दोनों का हाथ छूट गया। जब लोगों ने कुचलना बंद किया तब मां और पत्नी गायब थी। मैंने घबराकर घर पर फोन कर दिया कि सब लोग खत्म हो गए लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी कि अस्पताल में दोनों ही मुझे सही सलामत मिल गए।
Mahakumbh Stampede: प्रशासन भीड़ को संभाल नहीं पाई
मेला प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि क्राउड मैनेजमेंट के लिए 328 AI कैमरा लगाए गए हैं। यह सभी कैमरे हेड काउंट करके कंट्रोल रूम को अलर्ट करते हैं। संगम में जन सैलाब उमड़ता ही जा रहा था लेकिन उसे डाइवर्ट नहीं किया गया। सभी पांटून पुल भी बंद कर दिए गए थे। इस कारण कल्पवासियों और पण्डो के आश्रम में जाने वालों का रास्ता बंद हो गया। और इस कारण संगम पर भीड़ बढ़ने का प्रेशर बढ़ता गया जिसे प्रशासन संभालने में नाकाम रहा। उस वक्त 1000 पुलिस वाले तैनात थे।
वही प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि लोग आराम से सो रहे थे। लेकिन पुलिस वालों ने लाउडस्पीकर से अनाउंस करके उन्हें स्नान करने को कहा। हालांकि लोग ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने वाले थे। लेकिन पुलिस वालों के कहने पर लोग स्नान के लिए भागने लगे और भगदड़ मच गई।
Mahakumbh Stampede: क्या अफवाह उड़ी थी
भगदड़ के दौरान उपस्थित प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि संगठन पर भारी भीड़ थी। इसी बीच यह अफवाह फैली कि नागा साधु नहाने के लिए आ रहे हैं। इसलिए जो भी लोग बैठे या लेते हैं वह हट जाए जल्दबाजी में लोग इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ जैसे हालात बन गए। हालांकि सीएम योगी ने मौके की जानकारी ली और न्यायिक जांच की घोषणा भी की है। अभी तक इस भगदड़ में 30 से 40 लोगों की मृत्यु की खबर आ गई है लेकिन प्रशासन ने केवल 30 मौतें ही क़ुबूल की है।
Mahakumbh Stampede: प्रत्यक्षदर्शी बोले आधे घंटे बाद आई एम्बुलेंस
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि भगदड़ के बाद चारों ओर चीख पुकार मच गई लोग अपनों को ढूंढते रहे। लेकिन भीड़ उन्हें रौंदती चली गई। घटना के आधे घंटे बाद एंबुलेंस आई । पता चला कि सेंट्रल हॉस्पिटल से एंबुलेंस निकल तो गई है लेकिन भीड़ में फस गई थी इसलिए एंबुलेंस को आने में भी देरी हो गई। पुलिस ने भीड़ को हटाते हुए एंबुलेंस को आगे जाने का रास्ता दिया । इसके बाद एंबुलेंस अखाड़े के लिए रिजर्व रास्ते से होकर सेंट्रल अस्पताल पहुंची।
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