Mukesh Ahlawat: कौन हैं और कैसे शुरू हुआ इनका राजनितिक सफर

Mukesh Ahlawat जिनका पूरा नाम मुकेश कुमार अहलावत है यह नाम हाल ही में दिल्ली की राजनीति में तेजी से उभरा है। वे सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हैं और अब उन्हें दिल्ली की नई कैबिनेट में शामिल किया गया है। उनकी नियुक्ति न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि दिल्ली के दलित समुदाय के प्रतिनिधित्व में भी इसका विशेष महत्व है। आइए विस्तार से जानते हैं मुकेश अहलावत के राजनीतिक सफर और उनके व्यक्तित्व के बारे में।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Mukesh Ahlawat का जन्म दिल्ली में हुआ और उनकी प्रारंभिक शिक्षा पीतमपुरा स्थित रवींद्र पब्लिक स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने व्यवसायिक जीवन में कदम रखा और एक सफल व्यवसायी बने। राजनीति में उनकी रुचि शुरू से ही रही, जिसके चलते वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए और बाद में राजनीति में भी प्रवेश किया। वे अपने जीवन के शुरुआती दिनों से ही समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करते रहे हैं।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

Mukesh Ahlawat ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (BSP) से की थी। उन्होंने 2008 और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में BSP के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इन चुनावों में उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सामाजिक कार्यों के जरिए जनता के बीच अपनी पहचान बनाते रहे।

आम आदमी पार्टी से जुड़ाव

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले, मुकेश अहलावत ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा। आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राम चंदर चौरिया को 48,052 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस जीत के बाद, मुकेश अहलावत दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे।

सुल्तानपुर माजरा सीट से जीत

सुल्तानपुर माजरा, जो एक आरक्षित सीट है, पर Mukesh Ahlawat की जीत ने उन्हें दिल्ली के दलित समुदाय का मजबूत नेता बना दिया। यह सीट पहले सन्दीप कुमार के पास थी, जिन्हें एक विवादित वीडियो के कारण 2016 में पद से हटा दिया गया था। इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी ने इस सीट से मुकेश अहलावत को मौका दिया, और उन्होंने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया बल्कि शानदार तरीके से जीत भी हासिल की।

कैबिनेट में स्थान और जिम्मेदारियाँ

दिल्ली की नई कैबिनेट में Mukesh Ahlawat की नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्हें समाज कल्याण मंत्री बनाया गया है, जो दलित समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इससे पहले इस पद पर राजेंद्र पाल गौतम और राजकुमार आनंद थे, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

Mukesh Ahlawat की नियुक्ति AAP के लिए एक रणनीतिक कदम है, जिससे पार्टी दलित समुदाय के साथ अपनी पकड़ को और मजबूत कर सके। इसके साथ ही, उनके कैबिनेट में शामिल होने से यह संकेत मिलता है कि आम आदमी पार्टी दलित समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए तैयार है।

प्राथमिकताएँ और सामाजिक कार्य

Mukesh Ahlawat अपने क्षेत्र में सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सक्रिय रहे हैं। उनकी प्राथमिकताएँ शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार और सफाई कर्मचारियों के लिए बेहतर नीतियाँ बनाना रही हैं। उन्होंने सुल्तानपुर माजरा क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए आवाज उठाई है, जो आमतौर पर अनुबंध पर काम करते हैं और स्थिर रोजगार की कमी का सामना करते हैं।

इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षिकाओं की नियुक्ति की पहल की, ताकि महिला शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जा सके। साथ ही, उन्होंने अपने क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर भी जोर दिया है।

दलित समुदाय में प्रभाव

दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा, 18-19 सीटों पर दलित समुदाय के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी को विश्वास है कि मुकेश अहलावत की नियुक्ति दलित मतदाताओं के बीच पार्टी की लोकप्रियता को और बढ़ाएगी।

2020 के चुनावों में आम आदमी पार्टी को दलित वोट बैंक का अच्छा समर्थन मिला था, लेकिन पार्टी आगामी चुनावों के लिए इस समर्थन को और मजबूत करना चाहती है। मुकेश अहलावत की नियुक्ति इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता

Mukesh Ahlawat ने सामाजिक न्याय के मुद्दों पर हमेशा खुलकर बात की है। वे अपने क्षेत्र में समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने सफाई कर्मचारियों, गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इसके साथ ही, वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मुहिम का भी समर्थन करते रहे हैं, जिससे राज्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।

निजी जीवन और संपत्ति

Mukesh Ahlawat एक व्यवसायी भी हैं और उन्होंने राजनीति में आने से पहले अपने व्यापार को सफलतापूर्वक चलाया। उन्होंने 60 लाख रुपये की चल संपत्ति और 5.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की है।

पार्टी में उनकी भूमिका

Mukesh Ahlawat न केवल दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं, बल्कि वे राजस्थान में भी आम आदमी पार्टी के सह-प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी को मुकेश अहलावत पर पूरा भरोसा है और वे उन्हें बड़े राजनीतिक दायित्व सौंपने के लिए तैयार हैं।

Mukesh Ahlawat का राजनीतिक सफर और उनकी कैबिनेट में नियुक्ति न केवल उनके लिए बल्कि आम आदमी पार्टी के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके अनुभव, सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और दलित समुदाय के लिए उनकी आवाज ने उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। आने वाले समय में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों में।

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