Bihar elections के विधानसभा चुनाव में लगभग 8 महीने का समय अभी बाकी है। संभावित है कि चुनाव अक्टूबर या नवंबर महीने में होंगे। बिहार में मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच है। एनडीए की ओर से तो सभी पार्टी के नेता ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री का चेहरा रहेंगे लेकिन महागठबंधन में पेच अभी अटकता ही नजर आ रहा है। राजद के नेता तो साफ तौर पर कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों ने इस बात से अपना पलड़ा झाड़ दिया और कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा तो कांग्रेस के आला कमान ही तय करेंगे।
Bihar elections के कांग्रेस-राजद नेताओं की खटपट
एक तरफ जहां कांग्रेस के नेता यह कहते हैं की बिहार सीएम का चेहरा कांग्रेस के आला कमान तय करेंगे तो वहीं राजद के नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा मान चुके हैं। इसलिए कांग्रेस विधायक और राजद के नेताओ ने सुर अलग-अलग हैं। अब सवाल उठता है कि अजीत शर्मा, विजय शंकर दुबे या कोई अन्य कांग्रेस नेता तेजस्वी यादव को लेकर क्लियर क्यों नहीं है। वह उनके अपने मन से बोल रहे हैं।
या कहीं ना कहीं कांग्रेस आलाकमान की सहमति है। क्योंकि इन विधायकों के बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु की ओर से कोई सख्ती वाला निर्देश तो नहीं आया है। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में राहुल गांधी के संग एक अहम बैठक भी करने वाली है।
Bihar elections में 12 मार्च को दिल्ली में बिहार कांग्रेस नेताओं की मीटिंग
कांग्रेस ने Bihar elections की रणनीति पर काम करना अभी से शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के नए प्रभारी कृष्ण अल्लावरु और राहुल गांधी की 12 मार्च को दिल्ली में बैठक होने वाली है। राहुल गांधी के साथ मीटिंग में प्रभारी के साथ पार्टी के अन्य 30 से 35 सीनियर नेता भी उपस्थित रहेंगे। इसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा सभी 19 विधायक और कई बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस के विश्वसनीय नेता के अनुसार बिहार के नेता राहुल गांधी को बिहार के राजनीतिक हालात को लेकर फीडबैक देंगे। वहां प्रबंधन में कांग्रेस की एक अहम भूमिका पर चर्चा भी की जाएगी। गठबंधन को कैसे मजबूत बनाया जाए इसको लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी साथ ही राजद के साथ सीटों के बटवारे पर भी गहन चर्चा होगी।
Bihar elections में अब आगे क्या करेगी कांग्रेस?
हाल ही में आए बयानों में कांग्रेस के नेता यह जरूर कह रहे हैं की महागठबंधन में कोई फुट नहीं है लेकिन फिलहाल कांग्रेस की जो रणनीति है वह “एकला चलो” की राह पर ही दिख रही है। वह इससे भी नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस के युवा छात्र नेता और कार्यकर्ता 16 मार्च से 14 अप्रैल तक “बिहार को नौकरी दो यात्रा” निकालने वाले हैं। इसमें कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार भी शामिल होंगे।
यात्रा पूर्वी चंपारण के गांधी आश्रम से शुरू होकर पटना तक जाएगी। अब कन्हैया कुमार की बिहार में वापसी को लेकर भी कई चर्चाएं हो रही है। कांग्रेस के कार्यक्रम में राजद या कोई पार्टी शामिल नहीं रहेगी। वर्तमान में जो भी हालत दिख रहे हैं उससे यह साफ है कि कांग्रेस पार्टी आरजेडी पर दबाव बनाने के विचार में है और यही वजह है कि उनके विधायक भी बयान बाजी करने से पीछे नहीं हट रहे है।
Bihar elections के राजद और कांग्रेस के रिश्ते कैसे है?
एक तरफ जहां एनडीए की ओर से चुनाव की तैयारी को लेकर कई बड़े कार्यक्रम साझा किये जा रहे हैं वही दूसरी ओर महागठबंधन में ऐसा कुछ नहीं दिखता। कांग्रेस दूसरे रास्ते पर चल रही है और राजद अलग ही मोड पर है। पिछले महीने राहुल गांधी लगातार दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। वहीं बिहार के प्रभारी को भी बदल दिया गया और कर्नाटक के कृष्ण अल्लावरु को नया प्रभारी घोषित कर दिया गया है।
अब वही बिहार के सभी जिलों का दौरा कर रहे हैं। कांग्रेस अकेले ही बिहार चुनाव की पूरी तैयारी में जुटी हुई है। और CM चेहरे को लेकर दोनों ही पक्षों में पहले से ही असहमति नजर आ रही है अब देखना यह होगा कि क्या फैसला निकल कर सामने आता है।