
दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा और विजेंदर गुप्ता प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
सीएम पद के लिए प्रमुख नाम
अगर बीजेपी किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो निम्नलिखित पांच नामों की चर्चा सबसे अधिक है:
- परवेश साहिब सिंह वर्मा: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने इस बार चुनाव में अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ा राजनीतिक उलटफेर किया है।
- विजेंदर गुप्ता: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता इस बार सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में शामिल हैं।
- शिखा रॉय: इन्होंने आम आदमी पार्टी के बड़े नेता सौरभ भारद्वाज को हराकर सभी को चौंका दिया। वे इस रेस की इकलौती महिला उम्मीदवार हैं।
- सतीश उपाध्याय: बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सतीश उपाध्याय का नाम भी संभावित मुख्यमंत्री के रूप में चर्चा में है।
- मंजींदर सिंह सिरसा: सिख समुदाय में बीजेपी के प्रमुख चेहरे मंजींदर सिंह सिरसा भी इस दौड़ में शामिल हैं।
गैर-विधायक भी हो सकते हैं मुख्यमंत्री
अगर बीजेपी विधायक के अलावा किसी और को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो कई सांसदों और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का नाम सामने आ रहा है। सचदेवा ने पार्टी में गुटबाजी खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा मनोज तिवारी, बंसुरी स्वराज और रामवीर सिंह बिधूड़ी जैसे सांसद भी संभावित दावेदार माने जा रहे हैं।
पूर्वांचली वोट बैंक का महत्व
दिल्ली चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए बीजेपी इस वर्ग से जुड़े किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर सकती है।
विकास पर जोर
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, “दिल्ली में सरकार के नतीजे छह महीने के भीतर सड़कों पर दिखने चाहिए।” ऐसे में विकासवादी चेहरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
क्या दिल्ली को मिलेगा उपमुख्यमंत्री?
दिल्ली में जातिगत संतुलन बनाए रखने के लिए उपमुख्यमंत्री पद पर भी विचार किया जा सकता है। पिछले साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा की सिर्फ 70 सीटें हैं, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस दिशा में क्या निर्णय लेती है।
बीजेपी के चौंकाने वाले फैसलों को देखते हुए अंतिम नाम किसी भी समय सामने आ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली को विकास की राह पर ले जाने की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी।