
World Milk Day 2025: 1 जून को क्यों मनाते हैं दूध का दिन? जानिए पूरा इतिहास!
world milk day 2025 :विश्व दुग्ध दिवस पूरे भारतवर्ष में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है – यह एक आंदोलन की तरह है जो दूध की महत्वता और एक जरूरी खाद्य पदार्थ के लिए जागरूक करता है। प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस यानी “world milk day” मनाया जाता है। दूध एक ऐसा पदार्थ है जो कई बच्चों के शरीर में पोषण को पूरे करने का काम करता है और, लोगों के पोषक तत्व जैसे हड्डियों के स्वास्थ्य और विकास के महत्वपूर्ण होने के बारे में जागरूकता फैलता है। विश्व दूध दिवस दूध के महत्व को जागरूक करने के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान देने की बात भी करता है।
विश्व दुग्ध दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व दुग्ध दिवस संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा दूध को जरूरी महत्व देने के लिए है। विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत 2001 से शुरू हुई और तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष 1 जून को यह दिवस मनाया जाता है। देरी से जुड़ी महत्वपूर्ण गतिविधियों की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास
मनुष्य ने दूध पीने की शुरुआत कब की थी जब जानवरों को लगभग 9000 से 7000 ईसा पूर्व पाषाण युग में पालतू बनाया गया था। हालांकि उसे समय में वह लोग दूध का सेवन सीधा कर लेते थे, और इसी कारण उन लोगों को दूध सीधा नहीं पचता था। ऐसे ही धीरे-धीरे दूध, दही और पनीर जैसी चीज बनाई गई।
दूध का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हर धर्म में दूध को काफी पवित्र माना गया है। आपको सुनकर हैरानी होगी पर, पश्चिमी अफ्रीका के कुछ लोगों कि यह मान्यता थी की पूरी दुनिया दूध की एक बूंद से बनी है। मंगल के लोग घोड़े का सूखा दूध अपने साथ ले जाते थे और सफर के दौरान इस को पीकर ताकत हासिल करते थे।
दूध की आलोचना: जहां कुछ लोग दूध को इतना पवित्र मानते थे, वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो दूध की आलोचना करते थे। पुराने जापान के कुछ बौद्ध लोग मक्खन खाने वालों का मजाक भी उड़ाया करते थे। यूरोप में रहने वाले कुछ लोगों की मान्यता है कि हिरण का दूध पीना अच्छा नहीं होता। वहीं अगर बात करें रूम की, तो रूम में दूध को गरीब लोगों का पिए पदार्थ माना जाता था, उनकी मान्यता थी कि अमीर लोग कभी भी दूध नहीं पीते।
दूध की मांग और बदलाव
दूध हमारी सेहत और हमारे समाज में एक अहम भूमिका निभाता है। देश में कितने सारे दूध की फैक्ट्रियां और डायरी हमारी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देती है। बीते कुछ सालों में दूध की मांग और उसके उत्पादन में कई सारे बड़े बदलाव भी हुए हैं।
2016 में कई देशों में दूध का उत्पादन बड़ा है, हालांकि चीन जैसे कई अन्य देश भी हैं जो दूध को दूसरे देशों से दूध मंगवाया करते थे, उन्होंने दूध के आयात को बंद कर दिया। इस कारण कई सारी जगह पर दूध की जरूरत से ज्यादा भरमार हो गई थी।
इसके बाद धीरे-धीरे करके गाय और भैंस के दूध की जगह, लोग बादाम, सोया और ओट्स जैसे प्लांट्स बेस्ड दूध पीने लगे हैं। इसी कारण कई जगह पर दूध की मांग काम भी हो गई थी।
कॉविड-19 के दौर पर दूध के उत्पादन की हालत और भी खराब हो गई। किसान रोज लाखों गैलन दूध फेंकने पर मजबूर हो गए थे, क्योंकि दूध बेचने का कोई रास्ता नहीं था।
विश्व दुग्ध दिवस कैसे मनाए?
- घर पर आइसक्रीम बनाएं
- गर्मी में ठंड ठंडा दूध का आनंद ले।
- अपने सोशल मीडिया हैंडल पर #विश्व दुग्ध दिवस , #worldmilkday या #enjoydairy का प्रयोग करें।
- मैंगो शेक बनाएं
विश्व दूध दिवस 2025 थीम
प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दूध दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा हुई थी। हर वर्ष विश्व दुग्ध दिवस की एक थीम होती है। हर बार की तरह इस वर्ष भी विश्व दुग्ध दिवस की थीम है। 2025 में विश्व दुग्ध दिवस की थीम है ” “आईए डायरी की शक्ति का जश्न बनाया” ( लेट’एस सेलिब्रेट द पावर का डेरी)
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